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बंदियों को अब 48 घंटे की अंशकालिक पैरोल

सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम 2024 अधिसूचित

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अच्छे आचरण पर 15 दिन का फरलो मिलेगा

 

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। मध्य प्रदेश में ‘सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम 2024’ लागू हो गया है। अधिसूचित नियमों के अनुसार अच्छे आचरण पर 15 दिन का फरलो अवकाश मिलेगा।

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सामान्य पैरोल की अवधि सजा से बाहर होगी। घर में किसी की शादी, गंभीर बीमारी, बच्चे का जन्म या किसी अधूरे सरकारी कामकाज के लिए अब बंदियों को दो दिन (48 घंटे) के लिए जेल से छुट्टी मिल सकेगी। यह व्यवस्था मध्य प्रदेश में लागू की गई है।

सरकार द्वारा अधिसूचित मध्य प्रदेश सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम 2024 में अंशकालिक पैरोल का प्रावधान किया गया है। इसमें बंदियों को यह सुविधा मिलेगी। इस पैरोल को उनकी सजा की अवधि में ही जोड़ा जाएगा। अभी बंदियों को न्यायालय की अनुमति से इन कामों के लिए पैरोल मिल पाती थी। वह भी काम के अनुसार दो-चार घंटे के लिए मिलता था। अधिनियम में बड़ा परिवर्तन यह किया गया है कि वर्ष में अधिकतम 42 दिन मिलने वाले सामान्य पैरोल की अवधि अब सजा से बाहर कर दी गई है। यानी बंदी जितने दिन पैरोल पर रहेगा, उतने दिन अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

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नए अधिनियम में यह बदलाव

अच्छे आचरण वाले बंदियों को वर्ष में अधिकतम 15 दिन फरलो अवकाश मिलेगा। यह कारावास अवधि में ही शामिल रहेगा।

खतरनाक बंदियों को अब अलग बैरक में रखा जाएगा। इसके पहले सुरक्षा की दृष्टि से जेलों में कई बार ऐसा किया जाता था, पर एक्ट में उल्लेख नहीं था।

उपचार के लिए जेल में टेलीमेडिसिन की सुविधा भी अब मिलेगी।

बंदियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए योग, ध्यान से जोड़ा जाएगा।

जेल से रिहा होने के बाद पुनर्वास में सहायता

सुधारात्मक सेवाओं के अंतर्गत अब गरीब बंदियों के जेल से रिहा होने के बाद उनके पुनर्वास में सहायता की जाएगी। उदाहरण के तौर पर किसी बंदी ने जेल में सिलाई-बुनाई में प्रशिक्षण लिया है तो सिलाई मशीन खरीदने के लिए उसे अनुदान या कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।

अधिसूचना जारी

अभी सुधारात्मक सेवाएं और बंदीगृह अधिनियम के संबंध में अधिसूचना जारी हुई है। इसमें सुधारात्मक सेवाओं को लेकर कई अच्छे प्रावधान किए गए हैं। पैरोल को लेकर भी कुछ परिवर्तन किए गए हैं। इस संबंध में आदेश मिलते ही पालन किया जाएगा। – मनोज साहू,अधीक्षक केंद्रीय जेल भैरवगढ़ उज्जैन।

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