दंपत्ति ने दुकानदारों से डेली कलेक्शन कर लाखों ठगे

सहकारी संस्था बनाई, दो व्यापारियों की रिपोर्ट पर अमानत में खयानत का केस दर्ज
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उज्जैन। दंपत्ति ने सहकारी संस्था खोलकर दुकानदारों से डेली कलेक्शन के नाम पर रुपए एकत्रित किए और बाद में संस्था बंद कर दी। व्यापारियों ने रुपए वापस मांगे तो चेक थमा वह भी बाउंस हो गए। कोतवाली पुलिस ने दंपत्ति के खिलाफ अमानत में खयानत का केस दर्ज किया है।

कविन्द्र पिता सुंदरलाल बर्मन 37 वर्ष निवासी अर्पिता कालोनी थाना नानाखेड़ा ने बताया कि वह मक्सीरोड़ सब्जी मंडी में किराने की दुकान चलाते हैं। वर्ष 2022 में उनसे शैलेन्द्र मालवीय ने स्वयं को श्रीकृष्ण साख सहकारी संस्था मर्यादित मेट्रो टॉकीज की गली का कलेक्शन ऑफिसर बताया।
शैलेन्द्र ने कविन्द और उनके पड़ोसी बीज भंडार संचालक विकास कुशवाह को डेली कलेक्शन कर रुपए जमा करने, जमा रुपए पर अच्छा ब्याज देने व मैच्योरिटी पूर्ण होने पर ब्याज सहित रुपए लौटाने की स्कीम बताई। दोनों व्यापारियों ने शैलेन्द्र मालवीय को डेली रुपए देना शुरू कर दिया। मैच्योरिटी पूर्ण होने पर उन्होंने शैलेन्द्र से रुपए मांगे तो उसने चेक दे दिया। चेक को बैंक में लगाया तो पता चला कि खाते में रुपए ही नहीं है। कविन्द ने बताया कि चेक बाउंस होने पर कोर्ट में केस लगाया था लेकिन वहां भी कोई हल नहीं निकला।
घर का पता भी बदला
पुलिस ने बताया कि जब कविन्द और विकास ने संस्था में जमा रुपए वापस मांगे तो ज्योति व शैलेन्द्र ने उन्हें झूठे केस में फंसाने व जान से मारने की धमकी भी दी। दंपत्ति पहले अशोक मंडी में रहते थे वह मकान बेचकर कहीं ओर रहने चले गए। दंपत्ति के खिलाफ धारा 406, 506 के तहत केस दर्ज किया है।
संस्था अब बंद हो चुकी
कविन्द ने बताया कि 6 माह में उन्होंने कुल 1 लाख 73 हजार रुपए जमा कराए थे। पड़ोसी विकास कुशवाह ने 2 लाख 46 हजार रुपऐ संस्था में जमा कराए। उक्त रुपए लेने सहकारी संस्था गए तो वहां शैलेन्द्र की पत्नी ज्योति मालवीय मिली। वह स्वयं को संस्था का अध्यक्ष बताती थी। कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद भी रुपए वापस नहीं मिले उलटे संस्था पर ताले लग गए।








