Covid पॉलिसी में हुआ बदलाव,अब Hospital में भर्ती होने के लिए जरूरी नहीं Positive रिपोर्ट

अब अस्पतालों में इलाज कराने के लिए कोरोना संक्रमण का टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं होगा। इस संबंध में केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी हैं, जिसके तहत अस्पतालों में मरीजों को भर्ती कराने की राष्ट्रीय नीति में संशोधन किया गया है।
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केंद्र सरकार ने बदलीं गाइडलाइंस
बता दें कि अब तक अस्पतालों में एडमिट होने के लिए कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट अनिवार्य होती थी। नए बदलाव के तहत, अब रिपोर्ट की अनिवार्यता खत्म कर दी गर्इ है। गौरतलब है कि पहले रिपोर्ट के चक्कर में मरीजों को काफी परेशान होना पड़ता था। वहीं, कई मरीजों ने तो अपनी जान भी गंवा दी थी। ऐसे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी कर दीं। साथ ही, इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के चीफ सेक्रेटरी को निर्देश दिए हैं। उनसे कहा गया है कि नई नीति को तीन दिन में अमल में लाया जाए।
इन वॉर्ड में मिलेगा दाखिला
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की नई नीति के तहत संदिग्ध मरीजों को सस्पेक्टेड वॉर्ड में एडमिट किया जाएगा। ये वॉर्ड कोविड केयर सेंटर, पूर्ण समर्पित कोविड केयर सेंटर और कोविड अस्पतालों में भी बनाए जाएंगे। नई पॉलिसी में यह भी साफ किया गया है कि मरीजों को उनके राज्य के आधार पर भी इलाज देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
पहचान पत्र नहीं तो काम आएगा यह नियम
स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन लोगों के लिए भी नियम जारी किया है, जिनके पास कोई भी पहचान पत्र नहीं है और वे टीकाकरण कराना चाहते हैं। ऐसे लोगों को कोविन ऐप में पंजीकृत किया जाएगा। उनके टीकाकरण के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी।
आइसोलेशन के लिए भी नए निर्देश
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, होम आइसोलेशन में 10 दिनों तक रहने और लगातार तीन दिनों तक बुखार न आने की स्थिति में मरीज होम आइसोलेशन से बाहर आ सकते हैं। उस समय टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी। नई गाइडलाइंस के मुताबिक, स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा मरीज की स्थिति को हल्का या बिना लक्षण वाला केस तय किया जाना चाहिए। ऐसे मामले में मरीज के सेल्फ आइसोलेशन की उनके घर पर व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसे मरीज, जिस कमरे में रहते हों, उसका ऑक्सीजन सैचुरेशन भी 94 फीसदी से ज्यादा होना चाहिए। उसमें वेंटिलेशन की भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
हेल्थ मिनिस्ट्री की नई पॉलिसी में ये नियम
कोरोना के संदिग्ध मरीजों को कोविड केयर सेंटर, डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर या डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के सस्पेक्ट वॉर्ड में भर्ती किया जा सकेगा।
किसी भी मरीज को सर्विस देने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसमें ऑक्सीजन और जरूरी दवाएं भी शामिल हैं, भले ही मरीज किसी दूसरे शहर का ही क्यों न हो।
किसी भी मरीज को भर्ती करने से मना नहीं किया जा सकता है। भले ही उसके पास उस शहर का वैलिड आईडी कार्ड न हो, जहां पर अस्पताल स्थित है। अस्पताल में एंट्री जरूरत के हिसाब से होगी।
Union Health Ministry revises national policy for admission of COVID patients to COVID facilities; requirement of a positive test for COVID-19 virus is not mandatory for admission to a COVID health facility pic.twitter.com/odbcXo8iI4
— ANI (@ANI) May 8, 2021