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सायबर ठग एक्टिव… मोबाइल पर कोई संदिग्ध मैसेज आए तो आप सतर्क रहें

उज्जैन पुलिस ने जारी की एडवाइजरी, हेल्पलाइन नंबर जारी कर शिकायत दर्ज कराने की सलाह

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। सीबीआई की गिरफ्तारी का भय दिखाने, नौकरी का लालच, सरकारी योजनाओं का लाभ और अनेक प्रलोभन देकर ऑनलाइन ठगी का सिलसिला एकाएक बढ़ गया है। ठगों ने अपने तौर-तरीके बदल दिए है। फर्जी दस्तावेजों की पीडीएफ फाइल बनाकर भेजने के साथ ही ऐप इंस्टाल, डाउनलोड कर यूजर की डिटेल प्राप्त कर लोगों को ठगा जा रहा है। इस प्रक्रिया में ओटीपी की भी जरूरत नहीं पड़ती। इसके बाद उज्जैन पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

 

साइबर फ्रॉड करने वाले ठगी के नए-नए तरीके अपना रहे हंै। दो दिन पहले बदमाशों ने खुद को सीबीआई अफसर बताकर उज्जैन में एक रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 51 लाख रुपए से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी कर ली। आरोपियों ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाने की धमकी दी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट का डर भी बताया। गिरफ्तारी का डर दिखाकर दो दिन तक घर में ही अरेस्ट (डिजिटल अरेस्ट) रखा और फिर 50 लाख 71 हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए।

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बुजुर्ग रिटायर्ड अधिकारी ने शनिवार को माधव नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इस घटना के एक दिन पहले इसी तरीके से इंदौर में बैंक के ही एक रिटायर्ड अफसर को ठगने का मामला सामने आया था। अफसर से 39 लाख रुपए ट्रांसफर करा लिए थे। इंदौर के रिटायर्ड बैंक अफसर को बदमाशों ने कई घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। उन पर स्काइप एप के जरिए कैमरा ऑन करके पूरी नजर रखी गई।

बच्चों की तस्करी में नाम आने की धमकी देकर ईडी की गिरफ्तारी के नाम से डराया। इसके बाद 39.60 लाख रुपए अलग-अलग अकाउंट में ऑनलाइन जमा कराए। एक अन्य घटना में उज्जैन के डॉ. सचिन गोयल के पास पाकिस्तान से फर्जी कॉल आया था। कॉल करने वाले ने कहा कि आपका बेटा पुलिस हिरासत में है, जैसा हम कहें वैसा करना। डॉ. सचिन गोयल के पास 10 अगस्त की सुबह 10.44 पर पाकिस्तान के नंबर 92-3042854136 से मोबाइल पर वॉट्सएप कॉल आया।

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कहा- आपका बेटा और उसके साथ अन्य 4 लडक़ों को क्राइम ब्रांच ने अवैध गतिविधियों में संलग्न होने पर पकड़ा है। आपके बेटे ने आपका नंबर दिया है। इसलिए अब आप हम जैसा कहें वैसा करो। नहीं तो तुम और तुम्हारा बेटा मुसीबत में फंस जाएगा। डॉ. गोयल को धमकाकर धोखाधड़ी का प्रयास किया गया। गोयल ने इसकी शिकायत भारत सरकार के दूरसंचार विभाग के पोर्टल पर दर्ज कराई है।

फ्रॉड कॉल आए तो यहां करें शिकायत
डिपार्टमेंट ऑफ टेली कम्युनिकेशन ने लोगों की सुविधा के लिए संचार साथी पोर्टल पर चक्षु सुविधा को शुरू किया है। आप संचार साथी पोर्टल पर सुविधा की मदद से किसी भी फ्रॉड उर्फ फेक कॉल की शिकायत दर्ज करा सकते हैं। फेक कॉल की शिकायत करने के लिए सबसे पहले संचार साथी पर जाएं। यहां सिटीजन सेट्रिक सर्विसेज पर क्लिक करना होगा।

एपीके फाइल नहीं खोलें

पुलिस के अनुसार ऐसे साइबर फ्रॉड सक्रिय हैं जो लोगों को मोबाइल पर एपीके फाइल भेज रहे हैं। इसे डाउनलोड करने के बाद संबंधित यूजर की डिटेल ठगों के पास पहुंच जाती है। जैसे ही यह ऐप इंस्टाल होता है, ठग इससे ट्रांजेक्शन कर लेते हैं। इसके लिए ओटीपी की भी जरूरत नहीं पड़ती। सायबर अपराधी अब सरकारी योजना की निधि को ठगी का जरिया बना रहे है। पुलिस के मुताबिक लोगों द्वारा योजना का लाभ लेने और आवेदन प्रस्तुत करने से इन्कार करने पर ठग ने बातों में उलझाया और बैलेंस जांचने के लिए यूपीआइ एप को खुलवा लिया।

पुलिस ने कहा सतर्क रहें

आपके साथ किसी प्रकार का वित्तीय/सायबर धोखाधड़ी होती है, तो हेल्पलाइन नंबर १९३० पर कॉल कर शिकायत करें या सायबर हेल्पलाइन पोर्टल पर 222.ष्4ड्ढद्गह्म्ष्ह्म्द्बद्वद्ग.द्दश1.द्बठ्ठ पर अपनी शिकायत दर्ज करायें। व्हाट्सएप, वीडियो कॉल या अन्य एप्लीकेशन के माध्यम से किए गए वीडियो कॉल पर अलग-अलग माध्यमो से दी जा रही धमकी के झांसे में आकर रुपए ट्रांसफर नहीं करे।

केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की किसी भी जांच एजेंसी द्वारा कभी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म पर कोर्ट के आर्डर या गिरफ्तारी वारंट नहीं भेजे जाते हैं।

व्हाट्स एप प्रोफाइल पर किसी भी राज्य के पुलिस अधिकारी का फोटो लगाकर, केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार की जांच एजेंसियों के मोनो लगाकर कॉल करने वाले संदेहियों के व्हाट्सएप कॉल पर दिए निर्देशो का पालन नहीं करें।

जालसाजों द्वारा अनजान नंबरों से कॉल एवं व्हाट्सएप पर कॉल कर मानव तस्करी, एनडीपीएस आदि केस में फसाने या जालसाजी का रुपया आपके बैंक खातों में आना बताकर धोखाधड़ी की जा रही है। ऐसे फ्राड कॉल पर विश्वास नहीं करें।

सायबर धोखाधड़ी का शिकार होने पर आईटी सेल उज्जैन के सायबर हेल्पलाइन नंबर 7587624914 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करायें एवं दिये निर्देशानुसार कार्यावाही करें।

अपने बैंक खातों, एटीएम कार्ड, यूपीआई, आईडी ऑनलाइन लॉग इन आईडी एवं पासवर्ड किसी से भी शेयर नहीं करें।

अनजान कॉलर द्वारा भेजी गई (डॉट ए.पी.के.) पीडिएफ फाइल डाउनलोड नहीं करें।

अनजान कॉलर द्वारा भेजे गए कोडिंग वाले मैसेज जो नीले रंग के दिखाई देते हैं पर क्लिक नहीं करें।

फ्रॉडस्टर्स द्वारा ऑन कॉल पर की-पेड ऑपरेट करने के संबंध में दिए गए सुझाव को नहीं माने।

स्क्रीन शेयरिंग एपलीकेशन ड्डठ्ठ4स्रद्गह्यद्म, ह्लद्गड्डद्व 1द्बद्ग2द्गह्म्, ह्यश्चद्यड्डह्यद्धह्लशश्च, द्दशशद्दद्यद्गद्वद्गद्गह्ल आदि पर लॉग इन कोड शेयर नहीं करें।

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