Advertisement

निगम प्रशासन की रिपोर्ट के इंतजार में अटका रोज जलप्रदाय का फैसला

महापौर ने निगम आयुक्त से मांगी ऑडिट रिपोर्ट

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

उज्जैन। शहर में रोज जलप्रदाय करने का फैसला अधर में पड़ गया है। कांग्रेस के विरोध के बाद भी निगम प्रशासन अभी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं कर सका है। वजह यह कि महापौर ने निगम प्रशासन से पानी को लेकर ऑडिट रिपोर्ट मांगी है लेकिन अब तक वह निगम अफसरों के कैबिन से बाहर निकल नहीं सकी है।

 

बारिश के मौसम में इस बार भी गंभीर डेम पूरी तरह से भर चुका है। रविवार को डेम में 2232 एमसीएफटी के आसपास पानी स्टोरेज है। इंदौर में यशवंत सागर डेम के गेट खोले जाने के बाद गंभीर डेम के गेट भी खोलना पड़े थे। इस तरह डेम में पर्याप्त पानी होने के कारण कांग्रेस पार्षद माया त्रिवेदी ने 3 सितंबर को निगम आयुक्त के बंगले के बाहर धरना दे दिया था। तब निगम प्रशासन ने कहा था जल्द निर्णय ले लिया जाएगा। इस तरह कांग्रेस का विरोध भी अभी बेअसर साबित हो रहा है।

Advertisement

अवैध नल कनेक्शन परेशानी: शहर में अवैध नल कनेक्शन के कारण भी पेयजल की खपत ज्यादा होती है, लेकिन बदले में निगम को पैसा नहीं मिला पाता। निगम ने ये कनेक्शन वेध करने का अभियान तो चलाया लेकिन 60 हजार से ज्यादा कनेक्शन आज भी वेध नहीं हो सके हैं और वे चोरी का पानी पी रहे।

शहर में रोज जलप्रदाय को लेकर निगम आयुक्त से ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। इसके आधार पर तय कर सकेंगे कि रोज जलप्रदाय करना उचित रहेगा या नहीं। मुकेश टटवाल, महापौर

Advertisement

65 हजार अवैध कनेक्शन हैं। इनको वैध करने की कार्रवाई की जा रही है। करीब 4200 लोगों ने कनेक्शन वैध करा लिए हैं। होम स्टे वाले भी व्यावसायिक दर से बिल नहीं भर रहे। जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है। –प्रकाश शर्मा, प्रभारी जलकार्य समिति

Related Articles