Tuesday, November 28, 2023
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महाकाल मंदिर में भक्तों को रेडिमेड धोती से नहीं हैं प्रवेश

नियम की जानकारी के अभाव में बाजार से खरीद रहे हैं 300 रुपए की धोती….

4 जुलाई से प्रतिबंध लगने से पहले गर्भगृह में दर्शन करने वालों की बढ़ी संख्या

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन सुनने में आपको भले ही अचरज हो, लेकिन यह सही है कि देशभर से महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन करने आने वाले कई दर्शनार्थियों को रेडिमेड धोती के चक्कर में प्रवेश से वंचित होना पड़ रहा और 300 रुपए का फटका भी लग रहा।

दरअसल, महाकाल मंदिर के गर्भगृह में 4 जुलाई से प्रवेश प्रतिबंधित हो जाएगा जो 11 सितंबर तक रहेगा। दो माह बाद ही भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश मिल सकेगा। इस कारण गर्भगृह में प्रवेश कर दर्शन करने वाले भक्तों की संख्या बढ़ गई है। दर्शनार्थी 750 रुपए की रसीद कटाकर गर्भगृह में प्रवेश कर रहे हैं। 4 जुलाई से यह व्यवस्था भी बंद हो जाएगी। इस कारण सशुल्क रसीद से गर्भगृह में प्रवेश करने वालों की संख्या बढ़ी है। पुजारियों के अनुसार यह संख्या अभी दोगुनी हो गई है।

सिली धोती पहनने पर रोक

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में रेडिमेड धोती पहन कर प्रवेश नहीं दिया जाता है। ये धीतियां सिली हुई होती हैं। इस कारण प्रवेश देने से रोक दिया जाता है। मंदिर के बाहर दुकानों पर रेडिमेड धोतियां भी बेची जाती हैं, जिन्हें दर्शनार्थी खरीद लेते हैं और इनको पहनकर मंदिर में चले जाते हैं, लेकिन गर्भगृह के बाहर रोक दिया जाता है। इससे दर्शनार्थियों को परेशान होना पड़ता है और कर्मचारियों से विवाद भी होते हैं। रेडिमेड धोती करीब 300 रुपए में मिलती है। इस कारण दर्शनार्थियों और मंदिर कर्मचारियों में विवाद होते हैं।

प्रोटोकॉल में नि:शुल्क पहनाई जाती धोती…

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महाकाल लोक के पास स्थित मंदिर के प्रोटोकॉल कार्यालय में दर्शनार्थियों को नि:शुल्क धोती पहनाने की व्यवस्था भी है। यहां एक कर्मचारी की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे दर्शनार्थियों को धोती पहनाते हैं।

सभी जानकारियों की सूचना अनिवार्य

यह सही है कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में सिली हुई धोती पहनकर प्रवेश नहीं दिया जाता है। इसके लिए मंदिर के सभी नियम और जानकारियों को प्रचारित और प्रसारित करने की आवश्यकता है। सभी होटलों और रेलवे स्टेशन पर भी ये जानकारियां चस्पा की जाना चाहिए।
राजेंद्र शर्मा, गुरु, सदस्य महकाल मंदिर प्रबंध समिति

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