देवशयनी एकादशी 6 जुलाई को, शुभ कामों पर लगेगा ब्रेक

2 नवंबर को देवउठनी एकादशी से बजेंगी शहनाइयां, मंगल कार्यों की होगी शुरुआत
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उज्जैन। सनातन धर्म में देवशयनी एकादशी का विशेष महत्व है जो इस बार 6 जुलाई को है। इस दिन सृष्टि की बागडोर भगवान शिव के हाथों में सौंपकर भगवान विष्णु योग निंद्रा में चले जाएंगे। एकादशी से चातुर्मास की शुरुआत भी होगी। इन चार माह में शुभ कार्य पर ब्रेक लग जाएगा। दीपावली के बाद देवप्रबोधिनी यानी देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु जागेंगे और फिर से शहनाइयां बजेंगी और गृहप्रवेश, मुंडन, सगाई सहित अन्य मंगल कार्यों की शुरुआत हो जाएगी।
दरअसल, आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। इसी दिन से चातुर्मास शुरू होंगे। इस दौरान चार माह के लिए शुभ काम करना वर्जित रहेगा लेकिन पूजा, पाठ, ध्यान, अनुष्ठान के लिए इसे अच्छा समय माना जाता है। इसके बाद देवप्रबोधिनी एकादशी से देव जागेंगे और मंगल कार्यों फिर से शुरू हो जाएंगे।
देव प्रबोधिनी एकादशी 2 नवंबर को
देवप्रबोधिनी एकादशी पर २ नवंबर को भगवान श्रीहरि नींद से जागेंगे और ४ माह से बंद मंगल कार्यों का ‘शुभ आरंभ’ होगा। देवप्रबोधिनी एकादशी को देवउठनी और देवोत्थान एकादशी भी कहा जाता है जिसे अत्यंत पवित्र तिथि माना जाता है। दीपावली की तरह इसका भी लोगों को बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन मंदिरों के अलावा घरों में तुलसी-शालिग्राम विवाह होते हैं, दीप जलाकर आतिशबाजी की जाती है। इस दिन अबूझ मुहूर्त होता है जिसके चलते बड़ी संख्या में विवाह समारोह होते हैं।