MP में डॉयल 100 का नाम आज से डॉयल-112

प्रदेश में डॉयल-100 का नाम बदलकर डायल-112 कर दिया गया है। मध्यप्रदेश पुलिस की नई आपातकालीन सेवा डॉयल-112 का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को शुभारंभ किया। फ्लैग ऑफ समारोह का आयोजन कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में किया गया। जहां से मुख्यमंत्री ने फ्लैग ऑफ किया। इस मौके पर मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना विशेष रूप से उपस्थित रहे।
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अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रेडियो, दूरसंचार संजीव शमी ने बताया कि मध्यप्रदेश में डायल-100 की व्यवस्था को आगे बढ़ाते हुए डायल-112 को इंटीग्रेटेड, स्मार्ट और मल्टी पर्पज आपातकालीन सेवा के रूप में शुरू किया जा रहा है। इसमें नई तकनीकों का उपयोग किया गया है, जिसमें डेटा एनालिटिक्स, रियल-टाइम लोकेशन ट्रैकिंग शामिल है।
ये सेवाएं मिलेंगी डायल 112 पर
डायल-112 सेवा शुरू होने के बाद अब पुलिस (100), स्वास्थ्य, एम्बुलेंस (108), अग्निशमन (101), महिला हेल्पलाइन (1090), साइबर क्राइम (1930), रेल मदद (139), हाईवे एक्सीडेंट रिस्पॉन्स (1099), प्राकृतिक आपदा (1079) और महिला एवं चाइल्ड हेल्पलाइन (181, 1098) जैसी सभी सेवाएं एक ही नंबर 112 से उपलब्ध होंगी।
यह हैं नई डायल-112 की विशेषताएं
हर शिफ्ट में 100 एजेंट की क्षमता वाला नया कॉन्टैक्ट सेंटर होगा, जिसमें 40 सीटों का डिस्पैच यूनिट है।
PRI लाइनों से SIP आधारित ट्रंक लाइन पर माइग्रेशन होगा, जिससे 112 पर कॉल एक्सेस अधिक सहज हो।
उन्नत बिजनेस इंटेलिजेंस (BI) और MIS रिपोर्टिंग टूल्स।
नागरिकों और FRV के बीच संपर्क को बेहतर बनाते हुए गोपनीयता बनाए रखने के लिए नंबर मास्किंग समाधान।
FRV के रख-रखाव को ट्रैक करने हेतु समग्र फ्लीट मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर।
चैटबॉट जैसे नॉन-वॉयस माध्यमों द्वारा नागरिकों से संवाद और शिकायतों की ट्रैकिंग।
नागरिकों और पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप्स।
ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम (HRMS) सॉफ्टवेयर, बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ।
पारदर्शिता के लिए FRVs में डेशबोर्ड, कैमरा और बॉडी वॉर्न कैमरा की व्यवस्था।