डायल 112 टीम को बताया सीपीआर देकर इस तरह से बचाएं जिंदगियां

पुलिस कंट्रोल रूम में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम ने दिया प्रशिक्षण
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
उज्जैन। पुलिस दूरसंचार मुख्यालय मप्र द्वारा डायल 112 एफआरवी वाहनों में कार्यरत पायलट और थाने से जुड़े पुलिस बल को कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का प्रशिक्षण दिया गया। इसी कड़ी में सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एएसपी (ग्रामीण) अभिषेक रंजन एवं एएसपी (शहर-पूर्व) नितेश भार्गव के नेतृत्व में प्रशिक्षण आयोजित हुआ जिसमें चरक अस्पताल की विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने प्रशिक्षण दिया। इसका उद्देश्य डायल-112 टीम के कर्मियों को आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित एवं प्रभावी प्राथमिक इलाज (फस्र्ट एड) देने में सक्षम बनाना था।
दरअसल, डॉक्टरों की टीम ने कर्मियों को हृदय गति रुकने यानी कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, सांस रुकने एवं बेहोशी की अवस्था में लाइफ सेविंग टेक्निक, मौके पर त्वरित निर्णय एवं टीम वर्क का महत्व बताया। इसके अलावा सीपीआर की व्यावहारिक प्रक्रिया का प्रदर्शन किया जिसमें छाती पर दबाव, कृत्रिम सांस, हृदय-फेफड़ों के पुनर्जीवन की विधि समझाई गई। बेसिक लाइफ सपोर्ट प्रशिक्षण के तहत आपातकालीन कॉल रिस्पॉन्स, रोगी की स्थिति का मूल्यांकन और टीम वर्क एवं समन्वय पर विशेष जोर दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान डायल 112 के पायलेट व अन्य उत्साह से भाग लेते नजर आए। इस दौरान एएसपी और डायल-112 के जिला नोडल अधिकारी नितेश भार्गव ने कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से डायल-112 कर्मियों के आत्मविश्वास एवं दक्षता में वृद्धि होती है जिससे वे मौके पर पहुंचकर लोगों की जिंदगी बचाने में सहायक बन सकते हैं। इस मौके पर एनेस्थिसिया विशेष डॉ. भगवान सिंह दांगी और स्टॉफ नर्स शालू राठौर आदि उपस्थित रहे।









