उज्जैन में पेयजल का झगड़ा, उत्तर और दक्षिण का अब एक जिम्मेदार अफसर

By AV News

आज एमआईसी में होंगे महत्वपूर्ण फैसले, सदस्यों का उभरेगा गुस्सा

व्यवस्था सुधारने के लिएअफसरों की बदली जा रही जिम्मेदारी

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में इस बार पेयजल को लेकर विचित्र स्थिति बनी हुई है। गंभीर डेम में पानी भरपूर है लेकिन प्रबंधन गड़बड़ा गया है। पीएचई ने अब उत्तर और दक्षिण के लिए एक ही अधिकारी को जिम्मेदार बनाने का निर्णय लिया है। साथ ही कंट्रोल रूम और फिल्टर प्लांट के अधिकारियों को भी बदलकर स्टेयरिंग दूसरे हाथों में देने की तैयारी कर ली है। आज शाम ही पेयजल को लेकर बुलाई गई एमआईसी में व्यवस्था सुधारने पर फैसले होंगे।

ऐसा पहली बार हो रहा है जबकि गंभीर डेम में पेयजल सप्लाई के लिए पानी भरपूर होने के बाद भी समस्या बनी हुई है। नगर निगम प्रशासन ने जबसे रोज जलप्रदाय का निर्णय लिया उसी दिन से रोज शहर के कई घरों में या तो पानी नहीं पहुंच रहा या कम प्रेशर से मिल पा रहा। कभी गंदा पानी मिलने से लोग नाराज हो रहे। हाल ही बंदर और सांप के कारण गऊघाट में सिस्टम ठप पड़ गया। इसकी जांच निगम प्रशासन द्वारा कराई जा रही है।

सूत्रों के अनुसार उत्तर और दक्षिण क्षेत्र में अब एक ही सहायक यंत्री को जिम्मेदारी देने की तैयारी कर ली गई है। सहायक यंत्री शिवम दुबे को दोनों क्षेत्रों में जलप्रदाय व्यवस्था का प्रभार दिया जा सकता है। अभी दुबे दक्षिण क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था का प्रभार संभाल रहे हैं। उत्तर क्षेत्र में उपयंत्री दिलीप नौधाने व्यवस्था संभाल रहे थे। निगम प्रशासन ने इस झगड़े को खत्म करने के लिए नौधाने को गऊघाट फिल्टर प्लांट की जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है।

पेयजल और विवाद

सितम्बर में गंभीर डेम बारिश में भर जाने के बाद भी रोज जलप्रदाय न होने पर पार्षद माया त्रिवेदी ने निगम आयुक्त दफ्तर के बाहर धरना दिया।

1 अक्टूबर से शहर में रोज जलप्रदाय का निर्णय लिया गया, लेकिन इस फैसले से कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि सहमत नहीं थे।

हाल ही कांग्रेस ने सडक़ों पर खाली बाल्टी के साथ विरोध प्रदर्शन किया।

रोज पानी देने की व्यवस्था ठीक हो – पेयजल पर विशेष बैठक बुलाने का उद्देश्य यह है कि रोज लोगों को पानी प्रदाय करने की व्यवस्था में सुधार किया जाए।
मुकेश टटवाल, महापौर

प्रबंधन ठीक कर रहे- पानी प्रदाय को लेकर आ रही व्यवस्थाएं सुधारने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।
एनके भास्कर, कार्यपालन यंत्री पीएचई

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