घायल को अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया और उन्हीं पर आरोप लगाया
अक्षरविश्व न्यूजउज्जैन। सडक़ पर घायल पड़े लोगों की आमजन शायद इसीलिए मदद नहीं करते क्योंकि उनके मन में यही डर रहता है कि कहीं घायल मुझे ही न फंसा दे या पुलिस परेशान न करे। जिससे आमलन डरते हैं वही घटना शहर के न्यूरो सर्जन के साथ हो गई। उन्होंने बुधवार रात सडक़ पर घायल पड़े व्यक्ति अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया था। घायल के परिजनों ने डॉक्टर पर ही आरोप लगा दिए।
यह है मामला
एकता नगर निवासी 48 वर्षीय जितेन्द्र पिता रामदयाल रात रात करीब 9.30 बजे दो तालाब के पास से पैदल जा रहा था। उसे अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। यहां लोगों की भीड़ लग गई। जितेन्द्र को एक कार चालक ने अस्पताल भेजकर प्राथमिक उपचार कराया। यहां से उसके परिजन जितेन्द्र को चरक अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसका उपचार जारी है।
जितेन्द्र के परिजनों ने बताया कि वह ऋषि नगर में रहने वाली रिश्तेदार के घर से खाना खाकर पैदल घर आ रहा था। उसे डॉ. रूपेश खत्री की कार से टक्कर लगी थी। डॉ. खत्री ने अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया था। किसी अनजान व्यक्ति के मोबाइल से कॉल कर परिजनों को सूचना दी थी।
मानवता के नाते घायल की मदद की
इस संबंध में डॉ. रूपेश खत्री ने बताया कि मैं तो अपनी कार से गुजर रहा था। घायल को देखा तो उसकी मदद की। अपनी कार से अस्पताल पहुंचाया। घायल शराब के नशे में धुत्त था। उसके पैरों में गंभीर चोट थी। मैंने तो मानवता के नाते उसकी मदद की लेकिन अब जिंदगी में कभी किसी की मदद नहीं करूंगा। आमजन शायद इसी कारण घायलों की मदद नहीं करते।