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ऑटो पर क्यूआर कोड स्कैन करते ही सामने आएगी चालक की कुंडली

जीआरपी ने वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए की नई पहल

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उज्जैन। भगवान महाकाल के दर्शन के लिए रोज देशभर से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जीआरपी नवाचार करने जा रही है। जीआरपी की इस नई पहल को ‘हमारी सवारी भरोसे वाली’ और ‘पटरी की पाठशाला’ नाम दिया गया है जिसका शुभारंभ बुधवार दोपहर को हुआ ।

दरअसल, 21 नवंबर को रेलवे एसपी पद्म विलोचन शुक्ल उज्जैन आए थे। उन्होंने जीआरपी थाने पर ऑटो चालकों से बातचीत करते हुए बताया था जीआरपी ‘हमारी सवारी भरोसे वाली’ टैग के साथ ऑटो रिक्शा पर सत्यापित वाहन चालक का क्यूआर कोड लगाएगी जिसमें ऑटो चालक का नाम, पिता का नाम, पता, मोबाइल नंबर, कोई प्रकरण तो दर्ज नहीं, ऑटो का रजिस्ट्रेशन नंबर, लाइसेंस नंबर के साथ आपातकालीन नंबर भी रहेगा। जिसे मोबाइल से स्कैन करते ही चालक की पूरी कुंडी उसमें बैठने वाले यात्री के सामने आ जाएगी। इससे श्रद्धालुओं को किसी भी आपात स्थिति में मदद मिल सकेगी।

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आपातकालीन नंबर रहेगा

क्यूआर कोड में आपातकालीन नंबर भी रहेगा। यदि कोई ऑटो चालक दुव्र्यवहार करता है तो यात्री उस नंबर पर कॉल कर पुलिस की मदद ले सकते हैं। वहीं सफर पूरा होने पर रिव्यू भी दिया जा सकेगा जिससे अन्य यात्रियों को भी इसकी जानकारी मिल सकेगी। जो ऑटो चालक बेस्ट होगा उसे सम्मानित भी किया जाएगा। क्यूआर कोड उन्ही ऑटो पर लगेगा जिसके चालक आपराधिक प्रवृत्ति के नहीं हैं। आपराधिक प्रवृत्ति के चालक स्वत: ही रिजेक्ट होंगे। उन्हें परिसर में भी एंट्री नहीं मिलेगी।

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पटरी की पाठशाला का शुभारंभ

हमारी सवारी भरोसे वाली के साथ पटरी की पाठशाला की भी शुरुआत हो जाएगी। इसमें छुमछुम बाबा की दरगाह और नीलगंगा क्षेत्र में रहने वाले ऐसे गरीब बच्चे जो पढ़ नहीं सके, उन्हें नशे से दूर रहने, पटरी पर नहीं आने, ट्रेनों पर पत्थर नहीं फेंकने, स्कूल और आंगनवाड़ी में भेजने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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