डीएसपी ने व्यवस्था बदली और बिगड़ गए हालात

By AV News

अनंत चतुर्दशी की झांकियों के दौरान देवासगेट चौराहा पर बैरिकेड्स हटाने से फैली अफरा-तफरी

आंखिन देखी रात की

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। डिग्री नहीं अनुभव काम आता है। मंगलवार की रात यह कहावत देवासगेट पर चरितार्थ हुई। १० बजे से ही यहां उत्सवी वातावरण बन गया था। झिलमिल झांकियों को यहीं से आगे बढऩा था। यातायात का सर्वाधिक दबाव यहीं था। तीन पुलिस कर्मियों की मेहनत पर उस समय पानी फिर गया जब डीएसपी ने आते ही व्यवस्था में बदलाव कर दिया। नतीजतन व्यवस्था बनने के बजाय बिगड़ गई। अंतत: वही करना पड़ा जो तीन पुलिसकर्मियों ने किया था।

देवासगेट पर शहरवासियों की आवाजाही बढ़ गई थी। झाांकियों के आने की सूचना आई तब एसआई अंबाराम कलाथिया, आरक्षक कस्तूरचंद बामनिया और जितेंद्र सिंह ने बैरिकेड्स लगाकर रेलवे स्टेशन की ओर से आने वालों को रोक दिया। यहां कतिपय लोगों ने व्यवस्था बिगाडऩे में कोई कसर नहीं छोड़ी। दोपहिया सवार लोग बैरिकेड्स हटा कर आगे बढऩे की कोशिश में लगे रहे। उनका मकसद सिर्फ यही था कि उन्हें मालीपुरा और माधव कॉलेज की ओर जाना है। कई तो पहलवानी पर उतर आए। कुछ नेतागिरी भी झाडऩे लगे लेकिन इन पुलिसवालों ने उन्हें नहीं जाने दिया। यहां खड़े लोग पूरा नजारा देख रहे थे। इधर, रोकने के प्रयास होते और लोग उधर से बैरिकेड्स हटा कर आगे बढ़ जाते थे। यह आलम बदस्तूर जारी रहा।

लोगों ने की तीनों पुलिसकर्मियों की तारीफ

व्यवस्था अच्छी बन चुकी थी। तीन पुलिसकर्मियों की मेहनत रंग ला रही थी। इसी बीच यातायात डीएसपी दिलीप सिंह परिहार का आगमन हुआ। उन्होंने दोनों आरक्षकों को निर्देश दिए कि बैरिकेड्स इधर लाओ। साहब का आदेश मानना लाजिमी था। अब बैरिकेड्स अन्नपूर्णा मंदिर के सामने लगा दिए गए जिससे व्यवस्था बिगड़ गई। रेलवे स्टेशन की ओर से आने वाले बेसब्रे लोग टूट पड़े। उधर मालीपुरा की तरफ से दोपहिया सवार इधर आ गए।

डीएसपी ने खुद व्यवस्था संभाली लेकिन नहीं संभली। कुछ लोग अन्नपूर्णा मंदिर की पीछे से निकलने लगे। डीएसपी ने वहां क्रेन खड़ी करवा दी। इसी बीच पहली झांकी आई। नतीजतन ये सारे बैरिकेड्स हटाना पड़े और वहीं लगाना पड़े जहां पहले लगे थे। दोनों आरक्षकों को फिर मेहनत करना पड़ी। बैरिकेड्स खींचते-खींचते वे पसीने में तरबतर हो रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने कहा कि उज्जैन की यातायात व्यवस्था संभालने में डिग्री नहीं अनुभव काम आता है। तीनों पुलिसकर्मियों की सजगता और सक्रियता की भी तारीफ हुई। उन लोगों को कोसा गया जो पुलिस की मेहनत को मेहनत न समझते हुए व्यवस्था बिगाडऩे में लगे थे।


पुलिसकर्मी कस्तूरचंद बामनिया

कोयला फाटक पर शराबी
रात 10 बजे के करीब कोयला फाटक चौराहे पर भीड़ जमा हो गई। यातायात व्यवस्था बिगड़ गई थी। बताया जाता है कि शराब के नशे में चूर एक बाइक सवार ने नगर निगम की ओर जा रहे युवक को टक्कर मार दी। दोनों उलझ गए। तमाशबीन इक_ा हो गए। यहां मौजूद यातायात विभाग के एक जवान और एक एएसआई ने व्यवस्था संभाली और शराबी को अपने साथ ले गए। बमुश्किल यातायात व्यवस्था बनी लेकिन लोग यहां भी अपनी करनी से बाज नहीं आए। एक-दूसरे से पूछते रहे कि क्या हुआ? किसी को चोट लगी क्या? अब पुलिसवालों का झुंझलाना कोई गलत नहीं है।

एएसपी ने चौराहे पर ले ली मीटिंग

रात 12.30 बजे के करीब एएसपी नितेश भार्गव देवासगेट चौराहे पर पहुंचे। वे बड़ी देर तक यहां की व्यवस्था का माजरा देखते रहे। कुछ ही देर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी आ गए। एएसपी ने रोल कॉल की तरह सभी को पोजीशन में आने को कहा और कुछ निर्देश दिए। इसका असर यह हुआ कि जो झांकियां देवासगेट होते हुए मालीपुरा की ओर लंबे घुमाव से जा रही थीं वही घुमाव कम हो गया था। पुलिसकर्मी भी अब जनता के बीच पहुंच गए थे। कुछ पुलिसकर्मी मालीपुरा की तरफ रवाना हुए। यहां झांकियां निकलने में दिक्कत आ रही थी। पुलिस ने अपनी मुस्तैदी से व्यवस्था संभाली थी।

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