कर्ज के बदले संपत्ति नीलामी में बकायादारों को नुकसान, हाथ से निकल जाती है संपत्ति
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन बैंक का कर्जा होने की स्थिति में बकायादार को तो नुकसान होता हैं। बकाया वसूली की प्रक्रिया में शामिल लोगों के दोनों हाथों मेंं लड्डू रहते हैं। कई लोगों को इसका दो तरफा लाभ मिलता है। दरअसल नियम ही ऐसे हैं। संपत्ति नीलाम हुई, तो संपत्ति मिल जाती हैं। बकायादार ने मय ब्याज के बकाया जमा कर दिया तो बिडर ( बोली लगाकर संपत्ति खरीदने वाले) एक निश्चित प्रतिशत राशि मिलती हैं। इसी स्थिति का कुछ लोग लम्बे समय से फायदा उठा रहे हैं।
नियम है की अगर किसी के द्वारा बैंक से लिया हुआ ऋण चुकता नहीं होता हैं तो ऋण बंधक संपत्ति को नीलाम कर राशि वसूल की जाती हैं। ऋण जमा नहीं होने पर बंधक के तौर पर रखी संपत्ति को नीलाम करने के लिए बैंक द्वारा तहसील कार्यालय का आवेदन दिया जाता है। आवेदन पर तहसीलदार द्वारा प्रकरण दर्ज किया जाता है। तहसीलदार न्यायालय में सुनवाई होने के बाद सपंत्ति कुर्की का निर्णय होने पर सूचना होती है।
नीलामी के बाद यदि बकायादार द्वारा तय समय सीमा ऋण के साथ ब्याज की राशि जमा कर दी जाती है, तो संपति कुर्क नहीं होती है और नीलामी में संपत्ति लेने वाले को जमा होने वाली बकाया राशि का कुछ निश्चित प्रतिशत का भुगतान करना होता है। बैंक वसूली में लम्बे समय से संलग्न कुछ लोग इसी स्थिति का फायदा उठा रहे है। ऐसे लोग टीम बनाकर काम करते है। इसमें बैंक का दलाल तो कई वर्षों से सक्रिय है और नीलामी में संपत्ति खरीदने वाले भी लगभग तय है।
पक्ष विशेष को लाभ पहुंचाने वालों के खिलाफ होगी जांच
उज्जैन आरआरसी के प्रकरण में बकायादार किसान से ज्यादा वसूली करने और किसी पक्ष विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए उक्त बकायादार की जमीन नीलाम करने से जुड़ी शिकायतों की जांच कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने अपर कलेक्टर मृणाल मीणा को सौंपी है। प्रशासन के पास कई शिकायतें पहुंची हैं। शिकायत में बताया कि बकाया राशि से ज्यादा वसूली गई। अपर कलेक्टर मृणाल मीणा को दी गई जांच के तीन बिन्दू तय किए है। इसमें बकायादार किसानों ने जो राशि ऋण ली थी, क्या उससे अधिक की वसूली उनसे की गई?
यदि वसूली के लिए इनकी जमीन नीलाम की गई तो उसकी सूचना संबंधित बकायादार किसानों को की गई या नहीं? जमीन नीलामी में भू-राजस्व संहिता प्रक्रिया का पानी किया गया या नहीं? बैंक के एक बकायादार के प्रकरण का निराकरण नियमानुसार नहीं करते हुए उससे ज्यादा ब्याज वसूलने की लापरवाही पर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने तात्कालीन तहसीलदार मधु नायक के खिलाफ विभागीय जांच प्रस्तावित की है। इसमें सख्त कार्रवाई के लिए मामला संभागायुक्त संदीप यादव को भी भेजा गया है।
विधायक ने लिखा पीएम को पत्र
विधायक महेश परमार ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर किसानों की जमीन हड़पने की शिकायत की है। परमार ने पत्र में आरोप लगाया कि पुनीत जैन, तहसीलदार मधु नायक, दलाल राजेश रमानी और बैंक अधिकारियों ने षड्यंत्र रचकर किसानों की जमीन हड़पने की साजिश रची गई है। इसमें दोषी व्यक्तियों को दंडित किया जाए। कर्नाटका बैंक के कर्जदार किसानों की जमीन इन लोगों ने रैकेट बनाकर हड़पने का काम किया है।
शिकायतों की जांच करवा रहे हैं। ऋण वसूली प्रकरण में गड़बड़ी करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। गड़बड़ी करने में शासकीय कर्मचारी शामिल हो या बाहरी सभी पर कार्रवाई होगी।
कुमार पुरूषोत्तम, कलेक्टर