देश की पहली डे-बोर्डिंग मलखंभ अकादमी उज्जैन में खुलने की राह आसान

दो वर्ष पहले आवंटित 1.703 हेक्टयर जमीन पर अब आकार लेगी अकादमी
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने चार दिन पहले भोपाल में खेल एवं युवा कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान मध्य प्रदेश में मलखंभ और जिम्नास्टिक को प्रोत्साहित करने के लिए उज्जैन में मलखंब और जिम्नास्टिक अकादमी की स्थापना करने की घोषणा की है। इसके बाद देश की पहली डे-बोर्डिंग मलखंभ अकादमी उज्जैन में खुलने की राह आसान हो गई है। अकादमी के लिए दो वर्ष पहले तराना रोड पर कानीपुरा में 1.703 हेक्टेयर जमीन आवंटित की जा चुकी है।

मप्र मलखंभ एसोसिएशन के अध्यक्ष का सोनू गेहलोत कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की दृढ इच्छा शक्ति और संकल्प के कारण करीब 16 वर्ष पहले देखा गया मलखंभ अकादमी की स्थापना का सपना पूरा होने का वक्त आ गया है। जिला प्रशासन द्वारा कानीपुरा तराना रोड पर मलखंभ अकादमी के लिए 1.703 हेक्टेयर जमीन आवंटन हो गई है। कानीपुरा के समीप नगर निगम जिस स्थान पर बहुमंजिला भवन का निर्माण कर रहा है, उसके पास में मलखंभ अकादमी बनाई जाएगी।
देशभर में दिखाया मलखंभ का दम
मलखंभ के क्षेत्र में उज्जैन ने देशभर का दम दिखया है। यहां के खिलाडियोंं ने राष्ट्रीय स्तर की अनेक प्रतियोगिता में पदक हासिल किए है। शहर में वर्तमान में मलखंभ के 5 सेंटर है। इसमें अच्युतानंद गुरु अखाड़ा रामघाट,अप्राजी व्यायामशाला भागसीपुरा, लोकमान्य तिलक सांस्कृतिक न्यास, क्षीरसागर खेल एरिना, माधव सेवा न्यास हैं।
1980 में हुई थी पहली स्पर्धा
उज्जैन में मलखंभ की पहली प्रतियोगिता 1980 में महाराजवाड़ा खेल सेंटर पर हुई। इसमें बिहार, उप्र, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, पं. बंगाल की टीम आई। 1981 में दूसरी नेशनल स्पर्धा अच्युतानंद व्यायामशाला में हुई। इसमें सभी राज्यों की टीम ने शिरकत की।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग मिलेगी
प्रारंभिक तौर पर तैयार योजना के अनुसार मलखंभ अकादमी का भवन तीन मंजिला होगा। इसके लिए शासन द्वारा एजेंसी तय जाएगी। अनुमान लगाया जा रहा है कि करीब दो साल में भवन निर्माण के साथ खेल गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। अकादमी में पूरे प्रदेश के मलखंभ खिलाडिय़ों को एक ही परिसर में अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग दी जाएगी। अकादमी को सीमित दायरे में नहीं रखा जाएगा। इसके साथ स्थानीय खेल जैसे कबड्डी और रनिंग ट्रैक भी बनाया जाएगा। स्थानीय खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग में आसानी होगी।








