इंदौर के विधायक गोलू शुक्ला और बेटे रुद्राक्ष पर एफआईआर दर्ज करो

मंदिर प्रशासक कार्यालय के सामने धरने पर बैठे कांग्रेसी
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विधायक और उनके बेटे के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
मंदिर और जिला प्रशासन को भी लिया आड़े हाथ
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। इंदौर की विधानसभा क्रमांक-3 के विधायक राकेश उर्फ गोलू शुक्ला और उनके पुत्र रुद्राक्ष शुक्ला के गर्भ गृह में जाकर पूजा करने के विरोध में काग्रेस ने बुधवार को विरोध का बिगुल फूंकते हुए गिरफ्तारी की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि विधायक की दादागिरी नहीं चलेगी। प्रशासन भले ही आंख बंद कर ले लेकिन कांग्रेस शहर के हित में आवाज उठाएगी। उन्होंने कहा जांच समिति दिखावा है। आज उप प्रशासक कह रहे हैं कि अनुमति नहीं थी। यह सच है तो उसी समय वहां मौजूद पुलिस बल को बुलाकर दोनों पिता-पुत्र को उनके हवाले क्यों नहीं किया? ऐसे में तो कोई भी व्यक्ति गर्भगृह में प्रवेश कर जाएगा। (संदिग्ध भी हो सकता है) क्या तब भी महाकाल मंदिर के अधिकारी सिर्फ जांच करवाते रहेंगे।
कार्यकर्ताओं ने कहा रुद्राक्ष की यह पहली हरकत नहीं है। देवास में पहाड़ी पर स्थित चामुंडा माता मंदिर के पुजारी को धमका कर मंदिर खुलवाया। महाकाल मंदिर में भी जबरन घुसने का यह कोई पहला मामला नहीं है। प्रदर्शन को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने महाकाल पुलिस बल और क्रिस्टल के सुरक्षाकर्मियों को बुला लिया था।
यह शामिल थे धरने में
शहर कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश भाटी और नेता प्रतिपक्ष रवि राय के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया। मंदिर की उप प्रशासक सिम्मी यादव को ज्ञापन दिया गया। नारेबाजी करने वालों में अशोक भाटी (बस), वीनू कुशवाह, विवेक सोनी, सुनील जैन, माया त्रिवेदी, सपना सांखला, देवव्रत यादव, चंद्रभानसिंह, नाना तिलकर, फिरोज पठान सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे।
जानबूझ कर बंद किया गया प्रसारण
प्रदर्शकारियों ने आरोप लगाया कि जिस समय दोनों पिता-पुत्र मंदिर के गर्भ गृह में तब अचानक कुछ देर के लिए मंदिर का प्रसारण बंद कर दिया गया। यह सब जानबूझ कर किया गया, ताकि मामला तूल पकड़े तो कुछ दिखाई न दे। लेकिन मंदिर के अधिकारियों की चाल विफल हो गई। इस पूरे मामले की जांच होना चाहिए कि उस प्रसारण किसके कहने पर बंद किया गया।
पहले के मामलों की जांच रिपोर्ट
कार्यकर्ताओं ने कहा कि गर्भगृह में प्रवेश करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी लोगों ने प्रवेश किया है। जांच की जाएगी। यह झुनझुना बजा दिया जाता है। जांच के नाम पर कुछ नहीं होता। उन्होंने कहा कि सभी मामलों की जांच की जाए। महाकाल मंदिर को बदनामी से बचाएं। डरपोक अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। इस मामले में सरकार भी निर्णय ले।