भरपूर बारिश के बाद भी शिप्रा में पर्व स्नान पर नर्मदा से लाना होगा पानी

कान्ह का दूषित पानी शिप्रा में मिलना जारी
उज्जैन। शिप्रा नदी में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्नान करते हैं। इनकी संख्या पर्व और त्यौहार पर कई गुना बढ़ जाती है। नदी में फिलहाल बारिश का पानी स्टोर है। नालों के दूषित पानी का नदी में मिलना भी जारी है। ऐसी स्थिति में आने वाले समय में पर्व स्नान के लिए शिप्रा नदी में नर्मदा का पानी लाना पड़ेगा।
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इसलिए लाना होगा पानी
इस वर्ष भरपूर बारिश हुई है। पेयजल के मुख्य स्त्रोत गंभीर डेम, उंडासा व साहेबखेड़ी तालाब पूरी तरह भर चुके हैं। यदि शिप्रा नदी में कान्ह का दूषित पानी नहीं मिलता तो गऊघाट से शिप्रा नदी का पानी पेयजल के उपयोग में ले सकते थे। अभी गंभीर डेम से पानी लेकर गऊघाट जल यंत्रालय में प्रोसेस के बाद दक्षिण क्षेत्र में जलप्रदाय किया जा रहा है।
रही बात शिप्रा नदी की तो वर्तमान में स्टोर पानी मकर संक्रांति पर्व तक पूरी तरह दूषित हो जायेगा। इस दौरान पीएचई अफसरों को पर्व स्नान के लिए साफ पानी की आवश्यकता होगी और हर बार की तरह इस वर्ष भी नर्मदा से पानी लाना होगा।

6 स्टापडेम निगम सीमा में
त्रिवेणी से लेकर सिद्धनाथ तक शिप्रा नदी पर नगर निगम सीमा के अंतर्गत कुल 6 स्टापडेम बने हैं। इनमें त्रिवेणी, गऊघाट, भूखी माता, बड़े पुल के नीचे, चक्रतीर्थ के पास और अंगारेश्वर मंदिर के सामने स्टापडेम शामिल हैं। बारिश सीजन के दौरान उक्त स्टापडेम की प्लेट हटा दी जाती है। अब जबकि मानसून सीजन समाप्त हो चुका है ऐसे में स्टापडेम के गेट बंद करने की प्रोसेस भी पीएचई ने शुरू कर दी है।
दूषित पानी के कारण
1. 100 करोड़ की कान्ह डायवर्शन योजना फेल हो चुकी है। कान्ह का दूषित पानी त्रिवेणी से सीधे शिप्रा नदी में मिल रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा मिट्टी का स्टापडेम बनाया जाता है जो पानी के दबाव में बहने के बाद फिर से दूषित पानी शिप्रा में मिलने लगता है। वर्तमान में स्टापडेम टूटा है और कान्ह का दूषित पानी शिप्रा में मिल रहा है।
2. अनेक नाले ओवरफ्लो होने के बाद शिप्रा नदी में मिलते हैं। वर्तमान में लालपुल के नीचे स्थित नाले का पानी नदी में मिल रहा है। इसके अलावा नदी किनारे की होटलों के सीवरेज का पानी भी शिप्रा नदी में मिल रहा है। त्रिवेणी से लेकर सिद्धनाथ तक शिप्रा नदी में बारिश के पानी के साथ ही कान्ह और नालों का पानी भी स्टोर है।
कान्ह का दूषित पानी मिल रहा
शिप्रा नदी में स्टोर पानी का उपयोग पेयजल सप्लाय के लिए नहीं किया जा रहा है। नदी में अब भी कान्ह का दूषित पानी मिल रहा है। यदि इसी तरह दूषित पानी मिलता रहा तो बारिश में स्टोर हुआ साफ पानी पूरी तरह दूषित हो जाएगा।
-राजीव शुक्ला, उपयंत्री पीएचइ









