छात्रों के दो गुटों में मारपीट, कुलपति पुलिस लेकर पहुंचे
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के हॉस्टल में गुटबाजी,हंगामा और विवाद थम नहीं रहे है। रविवार को भी एक झगड़े की घटना सामने आई है। इसमें छात्रों के दो गुटों के बीच मारपीट हुई है। मामले की जानकारी लगते ही कुलपति पुलिस को लेकर हॉस्टल पहुंचे थे। हालांकि छात्रों में समझौता हो जाने पर पुलिस प्रकरण दर्ज नहीं कराया गया है।
विक्रम विश्वविद्यालय के शालिग्राम तोमर हॉस्टल में रविवार को सीनियर और जूनियर छात्रों के बीच विवाद के बाद मारपीट हो गई। आधी रात को कुलपति और पुलिस को हॉस्टल पहुंचे। विक्रम विश्वविद्यालय के शालिग्राम तोमर हॉस्टल में छात्रों के विवाद थम नहीं रहे है। बीते रविवार को हॉस्टल के बाहर वॉलीबॉल खेल रहे छात्रों के बीच गेंद देने की बात पर विवाद शुरू हुआ। इस दौरान सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को धमकाया।
एक बार फिर में देर रात करीब 12 बजे विवाद फिर शुरु हुआ। इसे लेकर लिखित में दी गई शिकायत में बताया गया कि बीएससी एग्रीकल्चर सेंकड ईयर के छात्र श्याम सुंदर वैश्य के साथ एसओईटी व फिजिकल एज्युकेशन के सीनियर छात्रों ने मारपीट की। घटना के बाद हॉस्टल के सभी छात्र बाहर परिसर में एकत्रित हो गए थे। सूचना के बाद कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे और माधव नगर थाना पुलिस के जवान भी हॉस्टल पहुंचे। देर रात को जिस छात्र के साथ मारपीट की गई थी, उसे थाने पहुंचाया गया था। जहां से बाद में उसका मेडिकल कराया। हालांकि इस मामले में माधव नगर थाना प्रभारी मनीष लोधा का कहना है हॉस्टल में हुए विवाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था, इसलिए एफआईआर दर्ज नहीं की गई।
कई महीनों से हो रहे विवाद- विक्रम विश्वविद्यालय के शालिग्राम तोमर हॉस्टल में लंबे समय से विवाद चल रहा था। यहां पर पिछले महीनों शिक्षक डॉ. कनिया मेड़ा को वार्डन के रूप में नियुक्त किया था। इसके बाद से ही हॉस्टल में अनुशासन बना हुआ था।
इसी बीच तीन दिन पहले डॉ. मेड़ा ने कुछ छात्रों को हॉस्टल में अनुशासन बनाने की सख्त हिदायत दी थी। इसके बाद विश्वविद्यालय के अधिकारियों का संरक्षण के चलते डॉ. मेड़ा को ही वार्डन पद से हटाकर डॉ. गणपत अहिरवार को हॉस्टल का वार्डन बनाया है। विश्वविद्यालय द्वारा किए गए इस फेरबदल के बाद गुटबाजी बढने से छात्रों के बीच विवाद का दौर शुरू हो गया।
छात्रों ने कहा अब हॉस्टल में रहना असुरक्षित
देश के कई राज्यों से आकर छात्र यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर छात्रों ने कहा कि हॉस्टल में छात्रों की गुटबाजी और उन्हें प्राप्त संरक्षण के कारण ही हॉस्टल में ऐसे ही घटनाएं हो रही है। यहां रहने वाले छात्र असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। ऐसे में कई छात्र हॉस्टल छोड़कर बाहर रहने के लिए जाने लगे हैं। बता दें कि रविवार को जिन छात्रों ने मारपीट की घटना की है। उन छात्रों पर पहले भी विश्वविद्यालय की कार्रवाई का पत्र जारी हुआ था, लेकिन छात्रों पर कार्रवाई नहीं हुई।
हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को हॉस्टल के नियमों का पालन करते हुए अनुशासन में रहना जरूरी है। ऐसे में आए दिन विवाद होने और तोडफ़ोड़ करने की शिकायत आ रही है। छात्रों पर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाई करेगा। छात्र कोई भी हो हॉस्टल का अनुशासन बिगडऩे नहीं दिया जाएगा।
–प्रो. अखिलेश कुमार पांडे,
कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय