फादर्स डे : पिता-पुत्र की जोड़ी शहर को दे रही नया संदेश
बेटों ने शेयर की पापा से मिली सबसे अच्छी सीख….
क्या आपने अपने पापा से कभी कहा है कि आप उनसे प्यार करते हैं? क्या आपको याद है पिछली बार उन्हें गले कब लगाया था? ज्यादातर लोग पिता को नारियल की तरह ऊपर से सख्त और अंदर से नरम समझते हैं। इसलिए उन्हें पापा को अपने मन की बात कहना थोड़ा मुश्किल लगता है। आमतौर पर पापा और बेटी के प्यार की ज्यादा चर्चा होती है। इस बार अक्षरविश्व ने नई पहल करते हुए पिता-पुत्र के बीच की बॉन्डिंग जानने की कोशिश की है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर और पत्रकार आयुष त्रिवेदी अपने पापा के साथ पत्रकारिता और समाज सेवा करते हैं । उन्होंने बताया कि ‘मैंने पापा से ईमानदार रहना, उदार बनना और सेवा कार्य करना सीखा है। इस फादर्स डे उनसे कहना चाहूंगा कि मैं उनके उन सारे सपनों को पूरा करना चाहता हूँ जिन्हें उन्होंने परिवार के लिए पीछे छोड़ा था।
स्पोकन इंग्लिश और पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्लासेस लेने वाले अस्तित्व गुप्ता ने बताया कि ‘मैंने अपने पापा वरुण गुप्ता से सीखा है कि अगर आपको राजा की तरह जीना है तो मजदुर की तरह मेहनत करनी होगी। हम साथ में टेबल टेनिस खेलते हैं, डिबेट करते हैं और खूब एन्जॉय करते हैं। मैं उनसे कहना चाहूंगा की आपने मुझे लाइफ में सब कुछ दिया, उसके लिए आपको दिल से थैंक यू।
भूपेश जैन और उनके पिता तेजकुमार जैन अमूल आइसक्रीम के डीलर हैं। उन्होंने बताया कि ‘मैं पापा के साथ बिजऩेस सँभालने के अलावा सोशल वर्क भी करता हूँ। मैंने अपने पापा से सच्चाई, ईमानदारी और कड़ी मेहनत से काम करना सीखा है। उनसे कहना चाहूंगा कि आपका बेटा होने पर मुझे गर्व है।
डॉ. अनन्य ने बताया कि ‘मुझे और पापा डॉ. कात्यायन मिश्रा को बैडमिंटन खेलना, स्विमिंग करना और मूवी देखना पसंद हैं। हम खूब एन्जॉय करते हैं और एक मजेदार बात है कि हम दोनों मेरी मम्मी से डरते हैं। उन्होंने मुझे अपने व्यक्तित्व को सच्चाई से निभाने, अच्छा इंसान बनने और पैसों की बचत करना सिखाया है। मैं उनसे कहना चाहता हूँ कि भले ही मैं दिखाता नहीं पर मैं उनसे बहुत प्यार करता हूँ। मैं उनकी सीख को हमेशा याद रखूँगा ।
संस्कार बापना अपने पिता संजय बापना के साथ साधु-संतों की सेवा जैसे सामाजिक और धार्मिक कार्य करते हैं। इसके आलावा दोनों को साथ में क्रिकेट खेलना पसंद हैं। उन्होंने बताया ‘मेरे पापा ने मुझे सिखाया है कि संबंधों को पैसों से ज्यादा महत्त्व दो क्योंकि जीवन में इनसे बढ़कर और कुछ नहीं। फादर्स डे पर उनसे कहना चाहूंगा कि उन्होंने परिवार को कठिन समय में भी एकजुट रखा और संभाला हैं। इसलिए आई लव यू डैड।
प्रस्तुति :अंकिता वैद्य