पैर फिसला और डूबने लगी जिंदगियां देवदूत बनकर पहुंचे जवानों ने बचाया

दिल्ली के चाचा-भतीजे और भोपाल की दो बहनों को बचाया
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उज्जैन। रामघाट पर गुरुवार सुबह नहाने के दौरान पैर फिसलने से दो बच्चे डूबने लगे। जिन्हें बचाने के चक्कर में चाचा भी गहरे पानी में चले गए और छटपटाने लगे। यह देख तैराक और एसडीईआरएफ जवान ने तीनों को बाहर निकाला। इसी तरह का वाकया रविदास घाट पर हुआ जहां भोपाल की दो बहनों को भी समय रहते बचा लिया गया।
दरअसल, दिल्ली के रहने वाले भरत गुजराल अपनी फैमिली के साथ भगवान महाकाल के दर्शन करने आए थे। गुरुवार सुबह करीब ९.३० बजे सभी रामघाट पर स्नान करने पहुंचे थे। यहां राणोजी की छत्री के समीप भरत गुजराल के भतीजे नमन पिता संजय चौहान और हर्ष चौहान नहा रहे थे तभी उनका पैर फिसल गया जिससे वह गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। उन्हें छटपटाता देख चाचा भरत गुजराल बचाने के लिए गए लेकिन वह भी डूबने लगे तभी वहां श्रद्धालुओं के फोटो खींच रहे अभिषेक कहार और एसडीईआरएफ जितेंद्र चंदेल ने नदी में छलांग लगाई और तीनों को सुरक्षित बाहर निकल लिया। रामघाट पर होमगार्ड के तैराक प्रभारी ईश्वरलाल चौधरी ने बताया कि जरा भी देर हो जाती तो तीनों की मौत भी हो सकती थी।
दो बहनों को बचाया
इधर, सुबह ७ बजे रविदास घाट पर भी इसी तरह का हादसा हुआ। यहां भोपाल की रहने वाली अंजलि पिता धन सिंह और रूपाली नहा रहे थे कि अचानक उनका पैर फिसल गया। दोनों डूबने लगी जिन्हें होमगार्ड सैनिक सन्नी परमार, एसडीईआरएफ जवान ब्रजमोहन, शुभम शर्मा और राजेंद्र डाबी ने बचाया।