महाकाल मंदिर गर्भगृह अग्निकांड पर ठंडे पानी के छीटें..।, मजिस्ट्रियल जांच की अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत

रिपोर्ट में माना केमिकल वाले गुलाल से भभकी थी आग, गर्भगृह तक कौन लाया, किसने उड़ाया पता नहीं

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:महाकाल मंदिर गर्भगृह में धुलेंडी पर हुए अग्निकांड की मजिस्ट्रियल जांच समिति ने अंतरिम जांच रिपोर्ट कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह को सौंप दी है। समिति ने अंतरिम जांच में माना की आग केमिकल वाले गुलाल से भभकी थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि केमिकल वाला गुलाल कौन लाया और किसने उड़ाया था। इस बीच महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक को बदल दिया गया है।

अंतरिम जांच रिपोर्ट के संबंध में कलेक्टर ने जांच टीम की प्राथमिक रिपोर्ट में आग लगने का कारण गुलाल का आरती की थाली में गिरना बताया गया है। नियमों के खिलाफ गुलाल बाहर से लाने की भी बात कही गई है। समिति ने माना है कि मंदिर प्रोटोकॉल और होली के नियम का उल्लंघन किया गया है।

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में आग केमिकल वाले गुलाल से ही भभकी थी। जांच कमेटी को सीसीटीवी फुटेज से इसके सबूत मिले हैं। कमेटी ने गुरुवार को अंतरिम जांच रिपोर्ट जिला कलेक्टर नीरज कुमार सिंह को सौंपी है। इसके बाद देर रात कलेक्टर ने मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया। फिलहाल जिला पंचायत सीईओ मृणाल मीणा को महाकाल मंदिर के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

कलेक्टर सिंह ने कहा, फाइनल रिपोर्ट आनी बाकी है। गुलाल की जांच भी जारी है। लैब रिपोर्ट आने के बाद ही कह पाएंगे कि उसमें केमिकल था या नहीं? बता दें कि महाकाल मंदिर के गर्भगृह में धुलेंडी के मौके पर 25 मार्च की सुबह भस्म आरती के दौरान आग भभक गई थी। इसमें पंडे-पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए थे। कलेक्टर सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए थे। जांच की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर मृणाल मीणा और एडीएम अनुकूल जैन को सौंपी थी। कमेटी से 28 मार्च तक रिपोर्ट मांगी गई थी।

20 लोगों के बयान लिए, सीसीटीवी भी खंगाले

दो सदस्यीय जांच कमेटी ने हादसे के दौरान गर्भगृह में मौजूद रहे पंडे-पुजारी और श्रद्धालुओं के बयान लिए। सीसीटीवी फुटेज भी देखे। फुटेज में दिखा कि 25 मार्च को भस्म आरती के दौरान पंडे-पुजारी, मंदिर प्रतिनिधि, सेवक और श्रद्धालु हाथ और प्रतिबंधित प्रेशर पंप से गुलाल उड़ा रहे थे। यह गुलाल आरती के दीपक पर गिरा जिससे आग भड़क गई।

प्रोटोकॉल और नियमों का उल्लंघन

कलेक्टर ने कहा, गर्भगृह में 4 से 5 किलो हर्बल गुलाल ले जाना तय था। इसके बावजूद कई क्विंटल गुलाल मंदिर में पहुंचा। इस लापरवाही के चलते अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल, ऐसे 5 लोग चिह्नित किए गए हैं। सुरक्षा एजेंसी क्रिस्टल कंपनी को नोटिस दिया जाएगा। इस मामले में दो तरह से कार्रवाई होगी। पहली कलेक्टर स्तर पर और दूसरी शासन स्तर पर। घायल पुजारियों और अन्य लोगों के बयान लिया जाना बाकी है, इसलिए अभी फाइनल रिपोर्ट तैयार नहीं हुई है।

मंदिर की व्यवस्था में होंगे कई बदलाव

कलेक्टर ने कहा, मंदिर में कई बदलाव किए जाएंगे, जिसमें दर्शन व्यवस्था मुख्य है। गर्भगृह में आरती-पूजन के दौरान लोगों की संख्या निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। पुजारियों के सेवकों की संख्या भी सीमित की जाएगी। भस्म आरती में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटाई जाएगी ताकि आपात स्थिति बनने पर भगदड़ न हो। मंदिर समिति द्वारा तय प्रोटोकाल का उल्लंघन करने वाले सभी लोगों पर आगे कार्रवाई प्रस्तावित है।

जांच समिति की प्रमुख अनुशंसाएं

मंदिर में आधुनिक फायर अलार्म सिस्टम, स्मोक डिटेक्टर और फायर फाइटिंग सिस्टम लगाया जाएगा।

आवश्यक उपकरण और मानव संसाधन समेत सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए जाएंगे।

श्रद्धालुओं के लिए पास सिस्टम डेवलप किया जाएगा।

भस्म आरती के अतिरिक्त चलित भस्म आरती की व्यवस्था भी की जाएगी।

मंदिर के अंदर मोबाइल, ज्वलनशील और अन्य हानिकारक सामग्री ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।

मंदिर में आपातकालीन मार्ग निर्धारित किया जाएगा।

 रंगपंचमी पर्व पर मंदिर में प्रतीकात्मक होली का सुझाव भी दिया गया है।

सोनी को हटाया, मृणाल मीना को प्रशासक बनाया

घटना में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक के तौर पर संदीप सोनी की कोई भूमिका सामने नहीं आई है,लेकिन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने सोनी को पद से हटा दिया है। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह द्वारा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मृणाल मीना को आगामी आदेश तक अपने दायित्वों के साथ श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रशासक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

किसकी वजह से हादसा साफ नहीं

मजिस्ट्रियल जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद भी कई सवालों के जवाब सामने नहीं आए है। गर्भगृह में लगी आग की मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट तो सार्वजनिक कर दी है।, लेकिन इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद अब कई ऐसे सवाल उठ खड़े हुए हैं, जिनके जवाब सामने नहीं आए हैं।

केमिकल युक्त गुलाल से भी आग लगी है तो फिर यह गुलाल आखिर कौन मंदिर के गर्भगृह तक ले गया?

गर्भगृह में हुए अग्निकांड का दोषी कौन?

मजिस्ट्रियल टीम ने किसी भी दोषी को नामजद चिन्हित क्यों नहीं किया है।

दोषियों के खिलाफ किस स्तर पर होगी कार्रवाई?

दो से ढाई क्विंटल गुलाल को मंदिर में उडऩे की आखिर क्या जरूरत थी?

घटना के बाद सोशल मीडिया पर वायरल फोटो और वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि कलर स्प्रे गन का उपयोग भी किया गया,परंतु मजिस्ट्रियल जांच में स्प्रे गन का कहीं जिक्र तक नहीं किया गया है।

टीम करेगी देश के चार मंदिरों का दौरा

कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि इस तरह की घटनाएं आगे न हों, इसके लिए एक प्रशासनिक टीम देश के 4 बड़े मंदिरों का दौरा करेगी। इसमें डिप्टी कलेक्टर और महाकाल मंदिर के कुछ अधिकारी शामिल होंगे। ये टीम सोमनाथ, शिर्डी, काशी विश्वनाथ और तिरुपति बालाजी मंदिर जाएगी। वहां की पूजन-दर्शन व्यवस्था को समझेगी।

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