राणोजी की छत्री से गणगौर दरवाजे तक उबड़-खाबड़ मार्ग से निकलेगी
उज्जैन। कार्तिक-अगहन मास की पहली सवारी सोमवार शाम परंपरागत मार्ग से निकलेगी। भगवान महाकाल मनमहेश के रूप में भक्तों को दर्शन देेंगे। कोटमोहल्ला, गुदरी, कहारवाड़ी होते हुए सवारी शिप्रा नदी पहुंचेंगी। यहां पूजन के पश्चात राणोजी की छत्री से होते से नदीघाट के रास्ते गणगौर दरवाजा से नगर में प्रवेश करेगी। राणोजी की छत्री से लेकर गणगौर दरवाजा तक भक्तों को पालकी लेकर खुदे हुए, उबड़-खाबड़ और दुर्गम रास्ते गुजरना पड़ेगा।
शिप्रा में पूर आने के बाद नगर निगम ने नदी घाट पर चैंबर का सुधार कार्य किया है। यहां एक जगह तो चैंबर चार फीट ऊंचे बना दिए और बाकि तीन चैंबर जमीन की सतह से एक फीट ऊपर उठा दिए। मोलाना मौज की दरगाह के सामने चैंबर उखड़ा हुआ और इसका ढ़क्क न आधा खुला है। चारों तरफ की जमीन खुदी हुई है। पंचायती अखाड़े के गेट से पहले घाट की टाइल्स उखड़ी हुई है जिसमें पानी भरा हुआ है।कार्तिक मास की पहली सवारी से पूर्व जिम्मेदारों ने सवारी मार्ग का निरीक्षण नहीं किया।
यदि सवारी मार्ग का निरीक्षण किया जाता तो संभवत: मार्ग पर सुधार कार्य हो जाता। सवारी के दौरान तेज गति से चलने की वजह से यहां पालकी लेकर चलने में भक्तों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
कार्तिक-अगहन मास में सवारी
20 नवंबर- पहली सवारी
25 नवंबर- हरिहर मिलन की सवारी
27 नवंबर-तीसरी सवारी
4 दिसंबर- चौथी सवारी
11 दिसंबर पांचवी सवारी