श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन भगवान महाकाल की भस्म आरती के लिए रविवार-सोमवार की दरमीयानी रात 2.30 बजे ही महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए। सोमवार दिनभर में 3 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने उम्मीद है। शाम 4 बजे सवारी निकाली। महाकाल भक्तों का हाल जानने निकलें। इस बार श्रावण में 5, भादौ में 2 सवारी निकाली जाएंगी। शाही सवारी 2 सितंबर को निकलेगी। भगवान महाकाल की सवारी के इस बार श्रावण माह में 5 सोमवार आएंगे।
माह का समापन भी सोमवार को ही होगा। इन 29 दिन में 65 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। प्रशासन के मुताबिक, रोज 2 से 3 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। 9 अगस्त को नागपंचमी के दिन 8 लाख श्रद्धालु आ सकते हैं। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक एवं अपर कलेक्टर श्री मृणाल मीना ने बताया कि भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकाली निकली। पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलें।
रामधाट पर पूजन
भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मण्डप में हुआ उसके बाद भगवान श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलें। पालकी पूजन के बाद पुलिस बैंड और सशस्त्र बल की टुकड़ी गार्ड ऑफ ऑनर दिया। भगवान की सवारी मन्दिर से अपने परंपरागत निर्धारित समय शाम 4 बजे निकली। सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुँची।
यहां पूजन-अर्चन हुआ। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए मंदिर लौटी।प्रशासक मीना ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल ने भी सहभागिता किया।
प्रथम सोमवार को धार के भील जनजातीय भगोरिया नृत्य के सदस्यों का दल सवारी में सम्मिलित हुआ। चलित रथ के माध्यम से भगवान महाकाल की सवारी का लाइव प्रसारण किया गया। इस चलित रथ की विशेषता यह है कि, इसमें लाइव बॉक्स रहेगा, जिससे लाइव प्रसारण निर्बाध रूप से हुआ।
जल संसाधन मंत्री सम्मिलित हुए
भगवान महाकाल की पहली सवारी में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट भी सम्मिलित हुए। मंत्री सिलावट महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन तथा पालकी का पूजन किया। मंत्री सिलावट द्वारा रामघाट पर भी पालकी पूजन किया गया। बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशानुरूप श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारियों में कैबिनेट मंत्रीगण शामिल होंगे।
श्रावण-भादौ मास में सात स्वरूपों में दर्शन
भगवान महाकाल श्रावण माह की पांच, और भादौ माह की दो सवारियां मिलाकर कुल 07 सवारियों में विविध मोहक रूपों में नगर भ्रमण पर निकलेेंगे।
दूसरी सवारी 29 जुलाई : इसमें पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होंगे।
तीसरी सवारी 05 अगस्त : इस दौरान पालकी में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर के स्वरूप में रहेंगे, हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में और गरूड़ रथ पर शिवतांडव के स्वरूप में विराजित होंगे।
चौथी सवारी 12 अगस्त : इसमें पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव और नन्दी रथ पर उमा.महेश के स्वरूप में विराजित होंगे।
पंचम सवारी 19 अगस्त : पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा-महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।
षठम सवारी 26 अगस्त : इस दौरान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा.महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद के साथ श्री घटाटोप मुखोटा सम्मिलित रहेगा।
सप्तम सवारी 02 सितम्बर : प्रमुख व शाही सवारी में भगवान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर, हाथी पर श्री मनमहेश, गरूड़ रथ पर शिवतांडव, नन्दी रथ पर उमा.महेश और डोल रथ पर होल्कर स्टेट के मुखारविंद ,श्री घटाटोप मुखोटा व श्री सप्तधान मुखारविंद सम्मिलित रहेगा।