महाकाल मंदिर क्षेत्र में आस्था का सैलाब
50000 लोग लगे थे दर्शन के लिए लाइन में
श्रावण मास में पहले कभी नहीं देखा महाकाल की भक्ति का ऐसा कारवां
हर जगह श्रद्धालु ही श्रद्धालु, शाम तक तीन लाख भक्तों के दर्शन की संभावना
भगवान श्री महाकाल की तीसरी सवारी आज शाम को निकलेगी…
उज्जैन। श्रावण के तीसरे सोमवार पर महाकाल भक्तों की ऐसी संख्या पहले कभी नहीं देखी गई। सुबह से ही मंदिर क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे थे। यह सिलसिला दिनभर ऐसा ही चलने की उम्मीद के बीच बैरिकेड्स में करीब 50 हजार श्रद्धालुओं की मौजूदगी थी।
।आम तौर पर श्रावण मास भगवान महाकाल के दर्शन के लिए हमेशा ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचतेे हैं। पर इस बार भगवान महाकाल के भक्त इतनी अधिक संख्या में उमड़ेंगे हैं कि देखने वालों के मुंह से एक ही शब्द निकल रहा था कि श्रावण मास में कभी नहीं देख भगवान महाकाल के भक्तों का ऐसा कारवां…
अनुमान भी था कि कोविड का दो वर्ष का प्रतिबंध खत्म होने के बाद इस बार श्रावण मास में उज्जैन आने वाले भक्तों की संख्या अधिक रहेगी। श्रावण के पहले दो सोमवार को जिस तरह से श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था उसके बाद प्रशासन ने मान लिया था कि आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई गुना अधिक रहेगी।
श्रावण के तीसरे सोमवार पर प्रशासन का यह अनुमान भक्तों की संख्या के आगे बहुत ही छोटा नजर आया। मंदिर में प्रवेश के लिए बने जिग्जेग में तो मानो पैर रखने की जगह नहीं हैं। दूर से केवल सिर ही सिर नजर आ रहे थे। भक्तों के इस समूह को देखकर एक ही बात मन में आ रही थी कि यदि समूह पर कुछ उछाला जाए तो वह जमीन पर तो नहीं गिरेगा।
बहरहाल बात तीसरे सोमवार की करें तो महाकाल वन क्षेत्र में श्रद्धालुओं के आने का क्रम भगवान महाकाल की भस्म आरती के पूर्व ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला प्रारंभ हो गया था। श्रद्धालुओं को नृसिंहघाट क्षेत्र से प्रवेश दिया जा रहा था। एक लंबा सफर तय करने के बाद श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के झलक मिल रही थी। अनुमान के अनुसार दोपहर 12 बजे तक करीब 84 हजार श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके हैं।
आज मध्यरात्रि से होंगे नागचंद्रेश्वर के दर्शन-पूजन
उज्जैन। नागपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट सोमवार को रात 12 बजे बाद खुलेगें। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन होगा।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धा का सैलाब उमड़ेगा। पूजन के बाद आम श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए नए फुट ओवरब्रिज से होकर मंदिर तक पहुंचने की व्यवस्था इस बार रहेगी।
प्रशासन के अधिकारियों का मानना है कि नए ब्रिज के माध्यम से सामान्य श्रद्धालुओं को भी सहजता और शीघ्रता से दर्शन कराने में सुविधा मिलेगी। जिससे अधिक संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे। माना जा रहा है कि इस बार अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए होगा।