देश में पहली बार एम्स भोपाल में प्री और पोस्ट कैंसर ट्रीटमेंट रिसर्च

मरीज से एआई लर्निंग मशीन से पूछे जाएंगे सवाल, इसी से तैयार होगी मानसिक स्थिति की डिजिटल प्रोफाइल
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आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर साइकोलॉजिकल और सोशल हेल्थ सुधारने की कोशिश
अक्षरविश्व न्यूज भोपाल। कैंसर सिर्फ शरीर ही नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित करता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एम्स भोपाल और आईआईटी इंदौर ने एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें मरीजों को इलाज से पहले और बाद में मनोवैज्ञानिक सपोर्ट मिलेगा।
एम्स पहुंचते ही मरीज से एआई लर्निंग मशीन के जरिए कुछ सवाल पूछे जाएंगे। इसके आधार पर उसकी मानसिक स्थिति की डिजिटल प्रोफाइल तैयार की जाएगी। यह प्रोफाइल डॉक्टर को मिलेगी, जिससे मरीज को सिर्फ मेडिकल नहीं, बल्कि सामाजिक मदद भी मिल सकेगी। इलाज के बाद भी मरीज की मानसिक स्थिति और समाज में स्वीकार्यता पर नजर रखी जाएगी। एम्स डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने कहा कि मरीज की गुणवत्ता पूर्ण जीवन सुनिश्चित करना हमारा लक्ष्य है।
भारतीय डाटा पर आधारित देश का पहला प्रोजेक्ट…
ब्रिटेन और अमेरिका में पहले से ऐसे शोध हो रहे हैं, लेकिन भारत में यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। केंद्र सरकार ने इस प्रोजेकर के लिए ग्राष्ट दी है। फिलहाल क्लीनिकल तैयारी जारी है और अगले एक साल में इसे व्यावसायिक रूप से शुरू किया जाएगा। इस पहल से भारत सहित दक्षिण एशिया और अफ्रीका के अन्य देशों को भी लाभ होगा।
एम्स भोपाल में हर साल 6 हजार नए मरीजों की जांच…
एम्स भोपाल के कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर पर हर साल 6,000 से ज्यादा मरीज आते हैं। इनमें से 40-50 फीसदी सिर और गले के कैंसर से पीडि़त होते हैं। इसके बाद ब्रेस्ट और स्त्री रोग संबंधी कैंसर के मामले सामने आते है। यह प्रोजेक्ट मरीजों के गुणवत्ता पूर्ण जीवन सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंटरफेस विकसित करेगा।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, स्वास्थ्य का प्रभाव शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और पर्यावरणीय कारकों पर पड़ता है। इस पहल से भारत में डिजिटल इस पर को मजबूती मिलेगी। इस रिसर्च का नेतृत्व डॉ. सैकत दास करेंगे, जबकि प्रो. अमित अग्रवाल सह-निदेशक होंगे। आईआईटी इंदौर के इनोवेशन और इनक्यूबेशन सेंटर के सहयोग से यह प्रोजेक्ट संचालित किया जाएगा।