पूर्व ISRO चीफ के. कस्तूरीरंगन नहीं रहे

ISRO के पूर्व चीफ डॉ. कस्तुरीरंगन का शुक्रवार को सुबह निधन हो गया. उनकी कई दिनों से तबियत खराब थी. उम्र संबंधी बिमारियों से वो पीड़ित थे. शुक्रवार सुबह बेंगलुरु में अपने आवास में सुबह के करीब 11 बजे उनका निधन हो गया. डॉ कस्तूरीरंगन के निधन की खबर से पूरे देश में दुख की लहर फैल गई है.जानकारी के मुताबिक, उनके पार्थिव शरीर को 27 अप्रैल की सुबह 10 बजे से लेकर 12 बजे तक आरआरआई में रखा जाएगा. यहां लोग आकर उन्हें श्रद्धांजलि दे सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. कस्तूरीरंगन के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट भी शेयर किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “मैं डॉ. के. कस्तूरीरंगन के निधन से बहुत दुखी हूं. वे भारत की वैज्ञानिक और शैक्षिक यात्रा के एक महान व्यक्तित्व थे. उनके दूरदर्शी नेतृत्व और देश के प्रति निःस्वार्थ योगदान को हमेशा याद किया जाएगा. उन्होंने इसरो (ISRO) में पूरी निष्ठा से सेवा दी और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाया, जिसकी पूरी दुनिया ने सराहना की. उनके नेतृत्व में कई अहम सैटेलाइट लॉन्च हुए और उन्होंने हमेशा नवाचार (innovation) को बढ़ावा दिया.”
डॉ. कस्तूरीरंगन भारत के जाने-माने खगोल शास्त्री थे. इन्होंने भारत के विभिन्न अंतरिक्ष कार्यक्रम में अपना खास योगदान दिया है. इनके सफल अंतरिक्ष कार्यक्रमों में ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन यान और भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रमोचन यान का सफल परीक्षण शामिल है. डॉ. कस्तूरीरंगन के योगदानों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण से भी नवाजा गया है.