मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की आधारशिला

मुस्लिम प्रबुद्धजन ने कहा- सांप्रदायिक सौहाद्र्र बनाए रखना जरूरी
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में टीएमसी के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर के बाबरी मस्जिद के शिलान्यास को शहर के मुस्लिम प्रबुद्धजन पब्लिसिटी स्टंट मानते हैं। इनक कहना है कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होने का मतलब यह नहीं है कि हम किसी अन्य की भावना आहत करें।
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव है और पार्टियां बदलने में माहिर कबीर 33 साल पुराने बाबरी मसले को हवा देकर मुस्लिमों के बड़े नेता बनना चाहते हैं। 2019 के संसदीय चुनाव में मुर्शिदाबाद सीट से भाजपा के टिकट से लड़कर करारी मात खाने वाले कबीर पलटी मारकर 2021में टीएमसी में शामिल हुए थे और भरतपुर सीट से विधायक चुने गए थे। टीएमसी कबीर को निलंबित कर चुकी है। कबीर ने शनिवार (६ दिसंबर) को मस्जिद की नींव रखी और इसे बाबरी नाम दे दिया है। इस मसले पर अक्षरविश्व ने शहर के मुस्लिम प्रबुद्धजन से बात की तो उन्होंने कबीर के रूख पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी।
शहरकाजी खलीर्कुरहमान ने कहा कि जहां का विवाद वहीं रखना चाहिए। उसे अन्य जगह नहीं फैलाना चाहिए। कांग्रेस नेत्री नूरी खान ने कहा कि मौजूदा समय में हम सबकी जिम्मेदारी सांप्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने की है। बाबरी मसले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद के लिए जमीन मिल चुकी है। अगर समाज की भलाई के लिए वहां मेडिकल कॉलेज बन रहा है तो उसका निर्माण करना चाहिए। देश में नया विवाद क्रिएट करने की जरूरत नहीं है।
इंजीनियर सरफराज कुरैशी कहते हैं कि एक प्रकरण समाप्त होने के बाद उसी इश्यू को लेकर दूसरा प्रकरण खोलना समझदारी नहीं है। अगर हमें बोलने की स्वतंत्रता मिली है तो उसका दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। ताजा विवाद व्यक्तिगत राजनीति चमकाने का प्रयास है। राष्ट्रीय स्तर पर इसे हवा नहीं देना चाहिए। नहीं तो पूरे विश्व में गलत मैसेज जाएगा।









