तीसरा नेत्र खुला भोले का, कलेक्टर के निर्देश पर हुई कार्रवाई तो सनसनीखेज खुलासे हुए

महाकाल मंदिर में दर्शन के नाम पर फर्जीवाड़ा
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बारह हजार कमाने वाले कई लखपति बन गए
- जब सफाई कर्मचारी ने मोटी रकम कमाई तो दूसरे जिम्मेदारों ने कितने कमाए होंगे
- कब तक बचेंगे आस्था से खिलवाड़ करने वाले, बाबा किसी को बख्शेंगे नहीं
- सफाई कर्मचारी और नंदी हॉल प्रभारी को बर्खास्त किया, प्रकरण दर्ज
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। अंतत: भोले का तीसरा नेत्र खुला और आस्था से खिलवाड़ करने वालों के खाते भी खुल गए। माध्यम बने कलेक्टर। सफाई कर्मचारी के बारे में किसी ने सोचा भी नहीं होगा वह भी इस गोरखधंधे में शामिल होगा। वह तो ठीक उसकी बेटी भी संलिप्त पाई गई। मंडपम और नंदी हॉल प्रभारी ने भी महाकाल को धोखा दिया।
इनके खाते खुल गए हैं। चौंकाने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। इन जानकारियों से मंदिर समिति की आंखें भी खुल गई हैं। ईमानदारों के दीपक के नीचे बेइमानों का अंधेरा छाया हुआ था। मंडपम प्रभारी और सफाई कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया गया है। अब आगे की पूरी कहानी सीसीटीवी कैमरा बताएगा।
बाहर से आए श्रद्धालुओं को नंदी हॉल से पैसा लेकर दर्शन कराने का फर्जीवाड़ा कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने पकड़ा था। कलेक्टर को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि मंदिर में दर्शन के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। मौके की तलाश थी। मौका मिला और सनसनीखेज खुलासे हो गए। यह तो शुरुआत है। अभी और भी एजेंट हैं, रसूखदार हैं बाहर के लोग भी हैं जिन्होंने मंदिर को अपनी मोटी आय का जरिया बना रखा है।
कलेक्टर पहुंचे थे मंदिर
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह शुक्रवार को दो बार मंदिर पहुंचे और अपने स्तर पर जांच की। मंदिर की व्यवस्था में लगे कर्मचारियों के अलावा प्रशासक गणेश धाकड़ से भी पूछताछ की। उन्होंने साइबर पुलिस की टीम को बुलाया और जांच के निर्देश दिए।
एक महीने के सीसीटीवी फुटेज
कलेक्टर ने साइबर सेल के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि महाकाल मंदिर में स्थापित आईटी सेल से बड़ा सूत्र है। यहां से कई जानकारियां हाथ लग सकती हैं। एक महीने के सीसीटीवी फुटेज से पता लगाया जाए कि नंदी हाल में कितने लोगों ने प्रवेश किया और कितनी रसीदें कटीं। इनका सावधानी से मिलान किया जाए।
उस कर्मचारी के पास है जानकारी
पिछले दिनों महाराष्ट्र के कल्याण से सांसद श्रीकांत शिंदे ने गर्भगृह में पहुंच कर दर्शन किए थे। इस मामले ने तूल पकड़ा। सेवादार के खिलाफ कार्रवाई हुई। सेवादार ने अपने आपको बेगुनाह बताया। बताया जाता है कि उस सेवादार के पास महाकाल मंदिर मे हो रहे फर्जीवाड़े का भंडार है। यदि उससे पूछताछ की जाए तो कई रोचक किस्से सामने आ सकते हैं। कुछ प्रोटोकॉल वाले भी हैं। उनके खाते भी खुल सकते हैं।
तीन किरदार सामने आए
जब जांच शुरू हुई तो मंदिर में लगे तीन किरदार सामने आए। नंदी मंडपम प्रभारी राकेश श्रीवास्तव, सफाई कर्मचारी विनोद चौकसे और उसकी बेटी क्रिस्टल कंपनी की कर्मचारी चंचल चौकसे। पहले इन तीनों से पूछताछ हुई फिर इनके खाते खंगाले गए। एक माह में करीब पंद्रह लाख से ज्यादा के ट्रांजेक्शन हुए। एक दिन में करीब ६० से ७० हजार तक का लेनदेन हो रहा था। मंडपम प्रभारी राकेश श्रीवास्तव ने तो अपने आईफोन से ट्रांजेक्शन डिलीट कर दिए।
मंदिर समिति की ओर से श्रीवास्तव और विनोद चौकसे के खिलाफ महाकाल थाना में केस दर्ज कराया गया। दोनों को गिरफ्तार भी किया गया। चंचल के खातों की सघन जांच की जा रही है। महाकाल थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह परिहार चौकसे और श्रीवास्तव से पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस पूछताछ में संभव है और भी बड़े खुलासे हों।
हर स्तर पर जांच होगी, बख्शेंगे नहीं
जो कुछ सामने आया है वह चिंतनीय है। मंदिर में व्यवस्था बनाने के लिए नौकरी दी गई है। पैसे लेकर दर्शन कराना मंदिर की आस्था से भी खिलवाड़ है। सभी को जांच की जिम्मेदारी दे दी गई है। किसी को बख्शेंगे नहीं। यदि किसी के पास प्रामाणिक जानकारी है तो वह हमें भेज सकता है। कार्रवाई की जाएगी।-नीरज कुमार सिंह कलेक्टर