Generation Gap: जनरेशन गैप को हम दो पीढ़ियों के बीच कम्युनिकेशन और समझ की कमी कह सकते हैं। यह इंटरेस्ट, आदतों, ओपिनियन, थॉट्स में अंतर के कारण होता है। यह एक खास तरह का मनोवैज्ञानिक गैप है जो बुजुर्गों और युवा पीढ़ी के बीच गलतफहमी पैदा करता है। इसकी वजह से घर में मदभेद होते हैं, जिससे हर सदस्य की लाइफ पर इफ़ेक्ट पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि आप अपने फॅमिली में जनरेशन गैप को कैसे कम कर सकते हैं।
दोस्त बनने की कोशिश करें: दोस्ती का रिश्ता सबसे मजेदार और प्यारा होता है। परिवार से अगर दोस्ती हो जाए तो आपको निस्वार्थ प्यार के साथ दोस्ती का सुकून भी मिलेगा। इससे जनरेशन गैप कम होने के साथ आपकी लाइफ आसान हो जाती है।
कहानियां और परंपराएं शेयर करें: परिवार की हिस्ट्री, ट्रडिशन्स और वैल्यूज के बारे में कहानियां शेयर करें। बुजुर्गों को अपने एक्सपीरियंस और स्टोरीज बताने का आग्रह करें। इससे बच्चों को सीख मिलेगी।
बदलावों को समझे: ‘परिवर्तन संसार का नियम है’ ये सब जानते हैं पर समझ नहीं पते। समय के साथ लाइफस्टाइल और ट्रेंड्स बदलते हैं। बदलावों को अपनाना दुनिया के साथ चलने के लिए जरुरी है। बच्चों को ट्रेंड्स फॉलो करने से रोका नहीं जाना चाहिए।
मजेदार एक्टिविटीज करें: ऐसी एक्टिविटीज का प्लान बनाएं जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाती हैं। इसमें गेम नाइट्स, कुकिंग या बेकिंग सेशन,आउटडोर गेम्स, या स्वयंसेवा करना शामिल हो सकता है।
कॉमन इंटरेस्ट का पता करें: कॉमन इंटरेस्ट या शौक खोजें जिनको कई जनरेशन तक एन्जॉय किया जा सकें । जैसे कि गार्डनिंग, खेल, आर्ट और क्राफ्ट, या एक साथ फिल्में देखना।
मेंटरिंग और लर्निंग को मोटीवेट करें: परिवार के भीतर मेंटरशिप के अवसरों को बढ़ावा दें। यंग सदस्यों को पुरानी पीढ़ियों से मार्गदर्शन और सलाह लेने के लिए मोटीवेट करें। रेस्पेक्ट करना और कराना सीखें।
छोटी जीत का जश्न मनाए: हर छोटी उपलब्धि को सेलिब्रेट करें। छोटे हो या बड़े सबको शाबाशी देकर अच्छा काम करने के लिए मोटीवेट करें।
ऑनलाइन जुड़े: आप यह नहीं जानते या समझते हैं कि आपका बच्चा ऑनलाइन क्या करता है। ऑनलाइन उनसे जुड़े और अपने बच्चे की फेवरेट वेबसाइटों के बारे में ऑनलाइन जानें। अपनी सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल बनाएं और कुछ गेमिंग साइटों के बारे में जानें । इस तरह आप उनके इंटरेस्ट को जान सकते हैं।
धैर्य रखें: पीढ़ियों के बीच गैप कम करने में समय और धैर्य लगता है। एक दूसरे की सोच को समझे, उन्हें अपनी बात कहने और समझने का मौका दे। उनके साथ हमदर्दी और सहानुभूति दिखाए।
ये ध्यान रखना जरुरी है कि घर में सब को फ्रीडम और पर्सनल स्पेस मिले। अगर घर में कोई घुटन महसूस करेगा तो उसके घर छोड़ कर जाने की सम्भावना बढ़ सकती है। फॅमिली को एकसाथ रखने के लिए ये टिप्स जरूर फॉलो करें।
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