लापरवाही: अफसरों ने नहीं दिया ध्यान और ठेकेदार ने जनरेटर हटवाने की जरूरत तक नहीं समझी
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जिला चिकित्सालय परिसर के भवनों को तोडक़र यहां मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है। भवनों को तोडऩे से पहले अस्पताल के वार्ड और विभागों को चरक व माधव नगर अस्पताल में शिफ्ट किया गया, लेकिन कीमती सामान को अफसर हटवा नहीं पाए।
अस्पताल परिसर के भवनों में वार्ड, ओपीडी, आरएमओ, सिविल सर्जन के अलावा अन्य विभाग भी संचालित होते थे। जिनमें लाखों रुपए कीमत का सामान रखा था। परिसर में दो लाख रुपए कीमत का जनरेटर भी रखा था। हालांकि वर्षों पूर्व इसमें खराबी आने के कारण यह जनरेटर बंद हालत में था। अस्पताल के अफसरों व कर्मचारियों ने अपने-अपने विभागों का कीमती सामान निकालने में रूचि दिखाई लेकिन जनरेटर को यहां से हटाकर सुरक्षित स्थान पर नहीं रखवाया गया।
वर्तमान में भवनों को तोडऩे का ठेका लेने वाले ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा जिला अस्पताल के मुख्य भवन को जेसीबी, फॉकलेन मशीन से तोडऩे का काम कराया जा रहा है। इसी बिल्डिंग के पास रखा जनरेटर मलबे में दब चुका है। ठेकेदार ने इसे हटाने में रूचि नहीं दिखाई और अस्पताल के अफसरों को तो इसकी जानकारी तक नहीं है। पुराने आरएमओ कार्यालय में भी जरूरी सामान के अलावा एसी लगा है जिसे हटाया नहीं गया है।