किसी को मानसिक कष्ट देना भी हिंसा- डॉ. नीलांजना श्रीजी

पर्यूषण पर्व के दूसरे दिन श्वेतांबर जैन मंदिरों में हुए धार्मिक आयोजन
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उज्जैन। पर्यूषण पर्व के पर शहर के जैन मंदिरों में कई धार्मिक आयोजन जारी हैं। पूजन-तप व विभिन्न स्पर्धाओ के साथ संतों के प्रवचन हो रहे हैं।
शांतिनाथ मंदिर छोटा सराफा में गुरुवार को साध्वी डॉ. नीलांजना श्रीजी ने कहा कि पर्यूषण का द्वितीय मंगल प्रभात हमारे जीवन में कषायों का जहर क्षमा की अमृत धारा में बदलने आया है। साध्वी श्री ने पर्यूषण के पांच कर्तव्यों की विस्तृत व्याख्या की। उन्होंने कहा भगवान महावीर ने अहिंसा को जीवन का रसायन कहकर उसकी सुषमा व्याख्या की है किसी को मारना तो हिंसा है ही परंतु किसी को मानसिक कष्ट देना भी हिंसा है। पर्यूषण के दिनों में हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम मानवता से परिपूर्ण बनें, हमारा आचरण जैनत्व के संस्कारों से सुवासित बने।
नवकार आराधना पर एक समान वेशभूषा में दिखे अलग-अलग रंग
उज्जैन। जैन यूनिटी फोरम द्वारा अवंती पाश्र्वनाथ दादा के दरबार में पर्यूषण पर्व में चल रहे नौ दिन नवकार आराधना में गुरुवार को महिलाएं एकसमान वेशभूषा विभिन्न रंगों में धारण कर पहुंचीं। सैकड़ों आराधकों ने जाप के साथ पारस इकतीसा, भक्तांबर स्त्रोत, चेत्यवंदन सहित धार्मिक गतिविधियां की।
संस्थापक मनोज सुराणा की प्रेरणा से आयोजित नवकार आराधना कार्यक्रम में गुरुवार के बंपर उपहार के लाभार्थी पूनमचंद्र अशोक कुमार राजश्री कोठारी रहे। नौ गिफ्ट के लाभार्थी पंकज मनीषा कोठारी, प्रभावना नरेंद्र कुमार विशाल सुषमा डागा ओर मंडल के उपहार के लाभार्थी मनोज अंजू ऐश्वर्य माधुर्य सुराणा रहे। बंपर ड्रा चांदी का सिक्का अन्वी सालेचा को मिला। लक्की ड्रा डिजिटल तकनीक द्वारा धर्मेंद्र जैन द्वारा निकाला गया। आकर्षण शांति सुलोचना महिला मंडल मारवाड़ी समाज, राजेंद्र बहु परिषद नमक मंडी, जिरावला नवरत्न श्रविका मंडल सूरज नगर रहे। सभी ने अलग अलग रंग की एक समान वेश भूषा पहनी।