भोपाल की लावारिस कार में मिला गोल्ड उज्जैन में 2 माह से यह कार ‘ऑन रोड…

By AV NEWS 3

महाकाल नगरी में दो माह से लावारिस खड़ी कार में आखिर क्या है?

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। भोपाल में एक लावारिस कार (इनोवा) से 54 किलो गोल्ड मिलने की घटना पूरे देश में सुर्खियों में है, लेकिन महाकाल नगरी उज्जैन में लावारिस कार का मामला भी कम चौंकाने वाला नहीं, क्योंकि कार के अंदर क्या है, कोई नहीं जानता। दो माह से यह कार ऑन रोड खड़ी है, पुलिस को भी इसकी सूचना दी जा चुकी है लेकिन आईटी टीम की तो छोड़िए, एक जवान भी इसे देखने नहीं आया।

भोपाल और उज्जैन के ये दो मामले सिक्के के दो पहलू की तरह हैं। राजधानी के मेंडोरी के जंगल में खड़ी लावारिस कार की सूचना मिलने पर पुलिस और आयकर विभाग की टीम तत्काल मौके पर पहुंच गई थी और उसमें से 54 किलो गोल्ड तथा 10 करोड़ रुपए का कैश मिला था।

उज्जैन शहर में रोड किनारे एक कार पिछले दो माह से लावारिस पड़ी है और इसकी सूचना टीआई से लेकर एसपी तक को पत्र द्वारा करने के बाद भी कोई इसे खोलकर देखने को तैयार नहीं, कि आखिर उसमें क्या है। प्रदेश में ये दो अलग अलग मामले एक कहानी जरूर कहते नज़र आ रहे हैं कि जिस लावारिस कार में करोड़ों रुपए का गोल्ड और कैश हो तो उसकी खुशबू आसानी से बाहर आ जाती है। उज्जैन में लावारिस कार में अगर कुछ होता तो इसे भी इनोवा की तरह फौरन जब्त कर लिया जाता।

यूपी की यह गाड़ी उज्जैन में क्यों…?

आगर रोड पर नाका नं.5 पर राजाराम चौहान पिता मोतीलाल चौहान के घर के ठीक सामने श्री राज सेलून के सामने रखी है। यह लावारिस कार नंबर प्लेट के अनुसार यूपी की है और गोरखपुर में रजिस्टर्ड है। कार पर लगी नंबर प्लेट पर यूपी 53 बीएक्स 7746 लिखा है।

क्षेत्रीय लोगों ने नंबर प्लेट की पड़ताल की तो गोरखपुर में रजिस्टर्ड होने की बात सामने आई। लोगों का कहना है कि पिछले दो माह से इसे लेने कोई नहीं आया। भोपाल में लावारिस इनोवा कार से 54 किलो सोना मिलने के बाद इस कार को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़ गई है।

100 पर डायल एसपी को पत्र…. आया कोई नहीं

आगर रोड पर खड़ी इस कार के कारण ट्रैफिक में भी कई बार व्यवधान आ रहे। राजाराम चौहान ने 19 नवंबर 2024 को चिमनगंज थाना प्रभारी को पत्र लिखकर बाकायदा इसकी सूचना दी फिर 22 नवंबर को 100 डायल पर सूचना दी कि उनके घर के सामने लावारिस कार खड़ी है, लेकिन कोई नहीं आया तो 24 दिसंबर को एसपी के नाम से पत्र द्वारा सूचना दी। आश्चर्य इस बात का है कि अब तक कोई इसे देखने तक नहीं आया।

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