अच्छी आदतों से संवरता है बचपन, पैरेंटिंग के जरिए बच्चों को दें बेहतर जीवन की दिशा

इंसान बड़ा हो या फिर बच्चा अच्छी आदतों को अपनाने में थोड़ा समय तो लगता ही है। ऐसे में, बचपन में लगी अच्छी आदतें एक अच्छे व्यक्तित्व और अच्छे समाज का निर्माण करती हैं। वैसे भी बचपन में लगी आदतें ताउम्र साथ रहती हैं और उन्हें बदलने की कोशिश करने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
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इसलिए अगर बच्चों में बचपन से ही अच्छी आदतों का पालन किया जाए, तो ये आदतें उनका उम्र भर साथ निभाती हैं। ऐसे में बच्चों के बेहतर शारीरिक और मानसिक विकास में, पैरेंटिंग का अच्छा होना सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रोजाना में कुछ आदतों को शामिल करके आप बच्चों के अच्छे व्यवहार और बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं इनके बारे में।
डेली पढऩे का समय निर्धारित करें
बच्चों को पढऩे की आदत लगाने के लिए डेली उन्हें सुबह या शाम या रात में किसी भी समय कम से कम 20 मिनट पढऩे की आदत जरूर डालें। इसके लिए रात में सोने से पहले कहानी या फिर उनके पसंद की किताबों का एक अध्याय पढऩा उनकी बौद्धिक विकास में सहायक होता है।
ध्यान के लिए योग की आदत
बच्चों का दिमाग चंचल होता है, जिसकी वजह से उनका ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है। ऐसे में बच्चों में ध्यान और फोकस को बढ़ाने के लिए योग और ध्यान करने की आदत जरूर डालें।
हेल्दी फूड्स की आदत
बच्चों में बचपन से ही हेल्दी फूड जैसे कि ड्राइ फ्रूट्स या जूस, दाल, दूध, हरी सब्जियां जैसे हेल्दी फूड्स खाने की आदत डालनी चाहिए।
शारीरिक गतिविधियों की आदत डलवाएं
बच्चों को जिंदगी में हमेशा एक्टिव रखने के लिए, हमेशा शारीरिक गतिविधियों में उन्हें बिजी रखें। ऐसा करने से मूड, एनर्जी लेवल और संज्ञानात्मक क्रियाओं में सुधार होता है।
आभार प्रकट करने की आदत डालें
बच्चों को डेली तीन ऐसी चीजों को लिखने की आदत डालें जिसके लिए वे ईश्वर के आभारी हैं। साथ ही, थैंक यू, एक्सक्यूज मी बोलना भी सिखाएं।
कलात्मक शौक
डेली बच्चों में पेंटिंग फिर ड्रॉइंग जैसे कलात्मक विकास के लिए समय निर्धारित करें। जिससे उनकी व्यक्तिगत शक्तियों का विकास होता है।
सोना है महत्वपूर्ण
बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेने की आदत डालें, जो उनके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।
सहानुभूति
अपने बच्चों में बचपन से ही दयालुता और सहानुभूति की भावना का विकास करने के लिए उनसे ऐसे कार्य करवाएं जैसे कि गरीबों की मदद करना।