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जिले के भू-जल स्तर में गिरावट, साथ छोडऩे लगे जमीनी स्त्रोत

कुएं, बावड़ी, बोरिंग और हैंडपंप में कम हो रहा है पानी

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन। अप्रैल में जिले का भू-जल स्तर 42.41 फीट पर पहुंच गया है, जबकि वर्ष 2000 व 2021 में भू-जल 34 से 37 फीट पर ही था। जल स्तर नीचे जाने से हैंडपंप के बंद होने की शिकायतें आने लगी हैं। कुएं-बावडिय़ों में भी पानी कम होने लगा है। मानसून के बाद भू-जल स्तर में तेजी से उछाल आता है लेकिन गर्मी का मौसम शुरू होने से व पानी का उपयोग अधिक होने पर भू-जल स्तर में गिरावट भी तेजी से होती है।

 

चूंकि इस बार अप्रैल-मई में ही 40 से 42 डिग्री तक तापमान पहुंच गया। लिहाजा इसका तेजी से असर भू-जल स्तर पर भी पड़ता दिखाई देने लगा है। अप्रैल में जिले का औसतन भू-जल स्तर 42.41 फीट हो गया है। हालांकि ये पिछले वर्ष की तुलना में लगभग एक फीट उछाल पर है लेकिन बात करें वर्ष 2000 व 2021 की तो तब की बनिस्बत इस बार 5 से 8 फीट का अंतर है। यानी तब 34 से 37 फीट पर ही पानी था, जो इस बार 42 फीट गहराई में चला गया है।

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शहर में 50 से अधिक हैंडपंप बंद

शहर में करीब 1500 हैंडपंप हैं। इनमें से 12-15 रोज बंद होने लगे है। पीएचई के विभाग के अनुसार हैंडपंप का वॉटर लेवल नीचे जाने की शिकायतें आने लगी हैं। राड डालकर उन्हें चालू करते हैं तो कुछ दिन बाद पुन: शिकायत आती है। अभी करीब 50 हैंडपंप बंद है। वॉटर लेवल और भी नीचे जाने लगेगा तो ये आंकड़ा बढ़ता चला जाएगा।

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