बोर्ड पर संचालक के नाम के साथ नया प्रावधान जोडऩे की तैयारी
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन महाकाल मंदिर क्षेत्र की होटलों, गेस्टहाउस और धर्मशालाओं पर प्रोपराइटर या संचालक का नाम लिखने के साथ ही बोर्ड पर अब जीएसटी नंबर लिखना भी जरूरी होगा। दरअसल, होटल संचालकों द्वारा दूसरे नामों से संचालन का एग्रीमेंट करने की जानकारी लगने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।
महाकाल मंदिर में देश भर से इन दिनों लाखों श्रद्धालु उज्जैन आ रहे और ठहरने के लिए होटल या गेस्ट हाउस के रूम बुक कर रहे। तीर्थयात्रियों को होटल आदि के नाम से यह जानकारी नहीं हो पाती कि संचालक कौन हैं। बाद में कई लोगों को निराशा होती है। नगर निगम महापौर परिषद ने हाल ही मंदिर क्षेत्र की सभी होटल, गेस्ट हाउस और धर्मशाला आदि पर संचालक या प्रोपराइटर का नाम लिखना अनिवार्य कर दिया है।
महापौर मुकेश टटवाल ने सभी व्यापारियों से अनुरोध भी किया है कि वे इसका पालन करें। इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज कराने का प्रस्ताव भी आगे बढ़ गया है। हालांकि निगम प्रशासन ने अभी किसी भी होटल संचालक के खिलाफ इस मामले में सख्ती नहीं की है। इस कारण कई होटलों पर अब तक संचालक के नाम और मोबाइल नंबर लिखे नहीं जा सके हैं।
इसलिए जुड़ेगा जीएसटी नंबर..!
दरअसल, होटल और गेस्ट हाउस संचालकों ने अपने नाम छिपाने के लिए दूसरे नामों से एग्रीमेंट करना शुरू कर दिया है ताकि वास्तविकता सामने न आ सके और उनके व्यवसाय पर असर भी न पड़े। इस कारण महापौर परिषद जीएसटी नंबर लिखना भी अनिवार्य करेगी ताकि कोई भी अपनी जानकारी छिपा न सके।
नोटिस की तैयारी!
महाकाल मंदिर क्षेत्र में होटल और गेस्ट हाउस संचालकों ने आवासीय भवनों का व्यवसायिक उपयोग कर दिया है। इससे निगम प्रशासन को राजस्व की चपत लग रही। निगम प्रशासन इन संचालकों को नोटिस जारी कर दस्तवेज तलब करने की तैयारी भी कर रहा। महाकाल मंदिर क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में बिना अनुमति ज्यादा ऊंचे भवन निर्माण पर रोक लगा रखी है। दूसरी ओर अवैध निर्माण करने वालों पर निगम प्रशासन अंकुश नहीं लगा पा रहा।
यह सही है कि महाकाल मंदिर क्षेत्र की होटल, गेस्ट हाउस आदि के बोर्ड पर संचालक के नाम के साथ जीएसटी नंबर लिखना भी अनिवार्य करने का प्रावधान जोड़ा जा रहा है। महाकाल मंदिर क्षेत्र की अपडेट जानकारी के लिए निगमायुक्त को पत्र भेजा जा रहा है।
रजत मेहता, प्रभारी राजस्व समिति
नगर निगम