गुप्त नवरात्रि:महाअष्टमी पर श्री हरसिद्धि शक्तिपीठ को फूलों से सजाया

माता का विशेष शृंगार, दर्शन के लिए पहुंचे भक्त, शाम को भंडारा

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अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। माघ मास की गुप्त नवरात्रि की महाष्टमी पर बुधवार को 52 शक्तिपीठों में से एक हरसिद्धि मंदिर को फूलों से सजाया। मां का विशेष शृंगार एवं पूजन किया गया। भक्त भी बड़ी संख्या में मां के दर्शन के लिए पहुंचे और जय माता दी का जयकार लगाते हुए सुख-समृद्धि की कामना की।

दिनभर हवन-पूजन चलेंगे एवं शाम को भंडारा होगा। गुरुवार को महानवमी के साथ गुप्त नवरात्रि का समापन हो जाएगा। इधर, कई श्रद्धालुओं ने अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दैवीय मंदिरों में पूजा-पाठ, अनुष्ठान एवं जप-तप करवाए जिसकी पूर्णाहुति भी महाष्टमी और महानवमी पर की जाएगी।

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पं. अजय कृष्ण शंकर व्यास ने बताया सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। सालभर में दो गुप्त नवरात्रि, चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि सहित 4 नवरात्रि मनाई जाती है। माघ और आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्रि आती है। इसमें मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है, जबकि चैत्र माह की नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि एवं आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है।

मंदिर परिसर में चलती रही भंडारे की तैयारी

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मंदिर के पुजारी ने बताया कि महाष्टमी के मौके पर मां हरसिद्धि का विशेष शृंगार कर पूजन एवं आरती की गई। दिनभर हवन, अनुष्ठान एवं अन्य धार्मिक आयोजन चलेंगे। शाम को भंडारा होगा जिसकी तैयारियां सुबह से मंदिर प्रांगण में ही चलती रही। एक ओर हलवाई बूंदी बनाते रहे तो दूसरी ओर महिलाएं आटा गंूथने और सब्जियां साफ करने में जुटी रहीं।

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