सेवा करने पहुंचे थे, भ्रष्टाचार करने लगेकई वर्षों से जमे थे महाकालेश्वर मंदिर में

By AV NEWS

उज्जैन। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के माध्यम से सेवा करने पहुंचे छह कर्मचारियों के बारे में पता चला है कि वह बरसों से काम कर रहे हैं। इनका वेतन 18 से 20 हजार प्रतिमाह बताया जा रहा है। इनका लीविंग स्टेंडर्ड बताता है कि ये बड़े पैकेज पर काम करने वाले कर्मचारी हैं।

1. रितेश शर्मा: रितेश के बारे में पता चला है कि यह 2023 से मंदिर की व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। पहले यह महाकाल की धर्मशाला देखता था। अन्य प्रभार भी रहे, उसके बाद इसे भस्मार्ती प्रभारी बना दिया गया। यहां रह कर इसने अपने इरादों को अंजाम दिया। इसकी संपत्ति की जांच की जा रही है। एसपी के अनुसार यह आरोपी अभी फरार है।

2. राजकुमार सिंह: इसका मंदिर में बड़ा दबदबा बताया जा रहा है। यह करीब 22 साल से जुड़ा हुआ है। सफाई निरीक्षक के रूप में काम किया। बाद में इसे धर्मशाला प्रभारी बनाया गया। कंप्यूटर का जानकार होने के कारण इसे आईटी सेल का प्रभारी बना दिया गया। इसने यहां रह कर अपने साथियों के साथ मिल कर पैसा कमाया, जांच की जा रही है।

3. राजेंद्र सिसौदिया: इसके बारे में बताया जाता है कि करीब 22 साल मंदिर की व्यवस्था से जुड़ा रहा। वर्तमान में इसके पास सभा मंडप का प्रभार था। इसकी ट्रैवल्स एजेंसी भी है। मंदिर की कई व्यवस्थाओं से जुड़ा रहा। तेज-तर्रार होने के कारण सभी का करीबी रहा। एसपी का कहना है कि इसके खातों की सघन जांच की जाएगी।

4. अभिषेक भार्गव: यह करीब 17 साल से मंदिर की व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। पिछले कई वर्षों से प्रोटोकॉल अधिकारी के रूप में काम कर रहा था। भस्मार्ती प्रभारी के रूप में यह अपनी सेवाएं देता था। नेताओं और अफसरों से संबंध बनाने में माहिर है। इसकी दो होटल होने की चर्चा है।

5. जीतेंद्र पंवार: यह क्रिस्टल कंपनी का सुपरवाइजर है। इसके बारे में बताया जाता है कि यह पहले कृष्णा कंपनी जो सुरक्षा व्यवस्था देखती थी, उससे जुड़ा हुआ था। इसके अधिकारी ड्यूटी कहीं भी लगा दें, लेकिन सभा मंडप इसका प्रिय कर्तव्य स्थल होता था। अक्सर ये वहीं पर देखा जाता था।

6. ओमप्रकाश मालवीय: यह क्रिस्टल कंपनी का सुपरवाइजर है। यह भी पहले कृष्णा कंपनी में काम कर चुका था। बाद में यह नई कंपनी से जुड़ गया। कंपनी अधिकारियों से संबंध होने के कारण यह उस स्थान पर काम नहीं करता था, जहां इसकी ड्यूटी रहती थी।इसे भी सभा मंडप प्रिय था।

पोकलेन और जेसीबी चर्चा में: क्रिस्टल कंपनी के कर्मचारी जीतेंद्र पंवार के बारे में चर्चा है कि उसने करीब छह माह पहले एक पोकलेन और जेसीबी खरीदी है। इस खरीदी पर उसके पास इतनी धनराशि कैसे आई, पुलिस इसका पता लगा रही है।

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