हनुमान अष्टमी जानें तिथि, महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

हनुमान अष्टमी का पर्व 12 दिसंबर को मनाया जाएगा। हनुमान अष्टमी भगवान हनुमान जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाई जाती है। यह दिन भक्तों के लिए अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि इस दिन की गई हनुमान उपासना से साहस, शक्ति, स्वास्थ्य और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है। कल हनुमान अष्टमी का पावन पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।
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हनुमान अष्टमी का महत्व

हनुमान जी को शक्ति, भक्ति, निष्ठा और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है।
श्रद्धा से की गई पूजा के फायदे—
भय और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
रोगों और कष्टों से मुक्ति
आत्मविश्वास और ऊर्जा में वृद्धि
व्यवसाय और कार्यों में सफलता
जीवन में स्थिरता और हिम्मत प्राप्त होती है
हनुमान अष्टमी पर क्या करें?
इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए ये उपाय बेहद शुभ माने जाते हैं:
1. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ
संकटों से मुक्ति
मन को शांति और सकारात्मकता
2. सिंदूर और चोला चढ़ाएं
हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने से मंगल दोष और बाधाएँ दूर होती हैं।
3. तिल के तेल का दीपक जलाएँ
घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है।
4. बजरंग बाण का पाठ
शत्रु बाधा और बुरी नजर से रक्षा के लिए प्रभावी।
5. प्रसाद अर्पित करें
बूंदी के लड्डू, चना-गुड़, केले और तुलसी पत्र चढ़ाएँ।
हनुमान अष्टमी की पूजा विधि
सुबह जल्दी स्नान कर साफ वस्त्र पहनें।
Hanuman ji की मूर्ति या चित्र को साफ जल से स्नान कराएँ।
सिंदूर, चमेली तेल, लाल चोला और फूल अर्पित करें।
गुड़-चना और लड्डू का भोग लगाएँ।
हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करें।
अंत में आरती कर परिवार के सभी सदस्यों पर प्रसाद वितरित करें।
हनुमान अष्टमी के शुभ फल
जीवन से भय और तनाव दूर होता है
आर्थिक स्थिति में सुधार
स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत
करियर और व्यापार में उन्नति
गृह क्लेश व बाधाएँ शांत होती हैं
निष्कर्ष
कल आने वाली हनुमान अष्टमी भक्तों के लिए अत्यंत शुभ अवसर है। श्रद्धा और भक्ति से हनुमान जी की पूजा करने से जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सफलता प्राप्त होती है। इस पावन पर्व पर हनुमान जी का आशीर्वाद अवश्य प्राप्त करें।









