फिर देवदूत बने होमगार्ड जवान, दो श्रद्धालुओं को बचाया

सिद्ध आश्रम और नृसिंह घाट पर बड़ा हादसा टला
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। जाको राखे सांइया, मार सके ना कोय… यह लाइनें सोमवार को उस समय फिर से सच साबित हुई जब शिप्रा में डूब रहे दो श्रद्धालुओं को देवदूत बनकर पहुंचे होमगार्ड जवानों ने मौत के मुंह से सुरक्षित बाहर निकाल लिया। अब उन्हें इस बहादुरी के लिए पुरस्कार से नवाजा जाएगा।
दरअसल, श्रावण के दूसरे सोमवार रामघाट सहित शिप्रा के अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं की जबर्दस्त रेलमपेल थी। इस दौरान इंदौर की गुरु गोविंद कॉलोनी के रहने वाले 45 वर्षीय जितेंद्र पिता रघुनंदन सिंह ठाकुर कावड़ यात्रा में रामघाट आए थे। वे सुबह सिद्ध आश्रम पर स्नान कर रहे थे तभी अंदाजा ना होने के कारण गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। उन्हें छटपटाता देख वहां तैनात जवान दिलीप परमार ने तत्काल नदी में छलांग लगाते हुए जितेंद्र ठाकुर को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इसी तरह दूसरी घटना सुबह करीब 9.30 बजे नृसिंह घाट पर हुई। यहां इंदौर के सिद्धार्थनगर का रहने वाले 10 साल का अपने परिवार के साथ आया था। नहाने के दौरान रमन का पैर फिसल गया और वह गहरे पानी में जाकर डूबने लगा। इस दौरान वहां मौजूद उसके परिजनों और अन्य श्रद्धालुओं ने मदद के लिए शोर मचाया तभी होमगार्ड जवान दिनेश धानक ने अमन को सुरक्षित बाहर निकालकर परिजनों के हवाले कर दिया। जवानों की इस बहादुरी पर जिला कमांडेंट संतोष जाट ने उन्हें पुरस्कृत करने की बात कही है।
110 जवान और 90 आपदा मित्र तैनात
जिला कमांडेंट जाट ने बताया कि श्रावण के चलते वर्तमान में रामघाट सहित अन्य घाटों पर स्नान के लिए देशभर के श्रद्धालु पहुंच रहे हैं जिसके चलते भीड़ अधिक है। इसे देखते हुए घाटों पर डीजी रिजर्व, डिविजनल रिजर्व एवं एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है जिनकी संख्या 110 है। इसके अलावा 90 आपदा मित्र भी तैनात किए गए हैं और ७ बोट के माध्यम से लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है।
इंदौर की ज्योति को बचाया था
रविवार को भी इंदौर के रहने वाले अजय मिश्रा की 10 साल की बेटी ज्योति मिश्रा शिप्रा आरती के दौरान राणोजी की छत्री के सामने नहाने के दौरान गहरे पानी में चली गई थी जिसे भी जवान सुरेश सोलंकी ने बचाया था।