कैसे होंगे सिंहस्थ के काम…महाकाल सवारी मार्ग चौड़ीकरण के नाम कागजों पर सिर्फ खेला

स्मार्ट सिटी ने सर्वे में केवल सडक़ की लंबाई और चौड़ाई ही लिख दी

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सिंहस्थ 2028 में सरकार के सामने बड़ी चुनौती है और प्रयागराज महाकुंभ के दौरान मची भगदड़ की घटना ने इसे और अधिक बढ़ा दिया है लेकिन सरकारी विभाग इसकी तैयारी के नाम पर कागजों पर सिर्फ खेल ही खेल रहे हैं।

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महाकाल सवारी मार्ग चौड़ीकरण के मामले में अब तक की कवायद का जो सच सामने आया है, वह बड़ा चिंताजनक है। सूत्रों के अनुसार पहले यह काम स्मार्ट सिटी को दिया गया था, जिसने सर्वे के नाम पर केवल सडक़ की लंबाई और चौड़ाई ही लिख दी।

सिंहस्थ से पहले 4.8 किमी लंबे महाकाल सवारी मार्ग को चौड़ा करना एक बड़ी चुनौती है। यह काम अब स्मार्ट सिटी से लेकर नगर निगम को सौंपा गया है। निगम ने स्मार्ट सिटी की योजना का अध्ययन किया तो चौंकने वाली बात यह सामने आई कि स्मार्ट सिटी ने सर्वे के नाम पर केवल सडक़ की लंबाई और चौड़ाई ही लिख दी, लेकिन यह नहीं बताया कि किस मकान को कितना तोडऩा पड़ेगा और मुआवजे पर कितना खर्च आएगा।

सूत्रों के अनुसार अब नगर निगम इस काम का नए सिरे से सर्वे करेगा। पूरी योजना तैयार करेगा तब काम शुरू हो सकेगा। योजना तैयार होने और उसकी स्वीकृति में भी समय लगेगा। इस स्थिति में रोड चौड़ीकरण का काम सिंहस्थ से पहले करना परेशानी का सबब बन सकता है। स्मार्ट सिटी ने 85 करोड़ रुपए की योजना प्रस्तावित की थी, लेकिन अब खर्च का यह आंकड़ा भी बढ़ सकता है।

चौड़ाई 18 मीटर या 24 मीटर… अभी तय नहीं

महाकाल सवारी मार्ग की चौड़ाई को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। पहले स्मार्ट सिटी ने 18 मीटर चौड़ाई के हिसाब से योजना तैयार की थी, लेकिन बाद में चौड़ाई 24 मीटर करने के नोटिस दिए गए। इसको लेकर क्षेत्रीय रहवासियों का विरोध भी उठ चुका है। इसलिए प्रशासन को सबसे पहले मार्ग की चौड़ाई को लेकर स्थिति साफ कर लेनी चाहिए।

लोग तैयार, लेकिन योजना की धीमी रफ्तार

महाकाल सवारी मार्ग को 18 मीटर चौड़ा करने पर क्षेत्रीय लोग सहमत हैं और अपने मकान भी तोडऩे को तैयार हैं, लेकिन योजना की रफ्तार इतनी धीमी है कि अभी तक लोगों के सामने तस्वीर साफ नहीं है। योजना बनने और काम शुरू होने में वक्त लगा तो इस सिंहस्थ से पहले चौड़ीकरण का काम पूरा नहीं हो सकेगा।

डेढ़ साल पहले तोडफ़ोड़, काम शुरू ही नहीं…

महाकाल सवारी मार्ग की योजना के तहत महाकाल मंदिर के सामने भारतमाता मंदिर से मुख्य शिखर के सामने महाराजवाड़ा भवन तक रोड चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने करीब डेढ़ साल पहले ताबड़तोड़ काम शुरू कर दिया था। यहां बने मकानों और दुकानों को भी तोड़ दिया गया था, लेकिन आज भी यह काम शुरू नहीं हो सका। इस मार्ग से हार फूल प्रसाद की दुकानों को हटाया गया था, लेकिन अब वापस दुकानें लग रही हैं और स्थिति ढाक के तीन पात जैसी है।

नए सिरे से बनाएंगे योजना: महाकाल सवारी मार्ग का चौड़ीकरण नगर निगम को सौंपा गया है। इसका डिटेल सर्वे किया जाएगा। नए सिरे से पूरी योजना तैयार की जाएगी।-पीयूष भार्गव, प्रभारी कार्यपालन यंत्री

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