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घाटों पर 60 लाख से अब सुरक्षा रेलिंग लगेगी

13.3 करोड़ का शिप्रा नदी क्षेत्र सुरक्षा प्रोजेक्ट फाइल्स में दफन…

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शिप्रा में नहाने के दौरान श्रद्धालुओं की मौत को रोकने के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से लगभग दो साल पहले करीब 13 करोड़ से ज्यादा राशि का प्रावधान कर व्यापक प्लान बनाया गया था। इसमें रामघाट से लेकर सिद्ध आश्रम तक कार्य होना था। प्लान लालफीताशाही और ऑफिसर्स में समन्वय की कमी से फाईल्स में दफन हो गया। ६० लाख से अधिक की लागत से घाटों पर सुरक्षा रेलिंग के लिए नए सिरे से प्रस्ताव मांगे गए है।

उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने उज्जैन शहर-3 में क्षिप्रा नदी के किनारे घाटों पर सुरक्षा रेलिंग की स्थापना के लिए इच्छुक पार्टियों को आमंत्रित किया है। 60 लाख 71 हजार 921 रु. से अधिक के इस कार्य के लिए तकनीकी बिड जमा करने की तिथि १५ फरवरी रखी गई है।

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यह काम होना था शिप्रा के घाटों पर

रामघाट क्षेत्र में प्लेटफार्म

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रेलिंग के साथ में सेफ्टी चेन

चेंजिंग रूम का निर्माण

नदी में संकेतक

काले एरन की दीवार

नदी में भी फाउंटेन

पूर्व का प्रोजेक्ट ड्राइंग-डिजाइन में झूलाता रहा

शिप्रा में श्रद्धालुओं की मौत को रोकने के लिए दो वर्ष पहले स्मार्ट सिटी की ओर से करीब 13 करोड़ से ज्यादा राशि का प्रावधान किया था। रामघाट पर नदी क्षेत्र में सुरक्षा के लिए प्रोजेक्ट तैयार करवाया था। इसमें स्मार्ट सिटी की ओर से 13.3 करोड़ रुपए मंजूर किए जाकर टेंडर किया था।

एजेंसी फिक्स होने के बाद भी ड्राइंग-डिजाइन फाइनल नहीं हो पाने की वजह से कंस्ट्रक्शन का कार्य शुरू नहीं हो पाया। कई दिनों तक प्रोजेक्ट झूलता रहा। कुछ समय बाद रामघाट क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू हुआ, जो रोक दिया गया है। अधिकारियों में तालमेल नहीं होने की वजह से एक समान प्लेटफार्म बनाने और रेलिंग के साथ में सेफ्टी चेन लगाने तथा बॉयोटाइलेट के काम में लेटलतीफी होती रही।

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