अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त डॉक्टर नहीं है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। जिला अस्पताल में डॉक्टर नहीं है, स्थिति खराब है। जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में आईसीयू चलाना मुश्किल हो रहा है। फिलहाल दोनों अस्पताल के 41 आईसीयू बेड पर केवल एक ही डॉक्टर है।
वैसे तो संभागीय जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए डॉक्टर कम पड़ते हैं। यहां पर डॉक्टर की कमी है। इस वजह से मरीजों को इलाज मिलने में मुश्किल आ रही है। जिला अस्पताल प्रशासन भी इसको लेकर चिंतित है। वर्तमान में जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में आईसीयू को लेकर बड़ी विकट स्थिति है। जिला अस्पताल में 10 आईसीयू और माधवनगर अस्पताल में 31 आईसीयू बेड है और फिलहाल यह एक ही डॉक्टर के भरोसे है।
तीन अवकाश पर एक का तबादला….
जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में आईसीयू के लिए एक समय पांच डाक्टर पदस्थ थे। इनमें से तीन अवकाश पर चले गए हैं और एक डॉक्टर का तबादला हो चुका है। सूत्रों के अनुसार 41 आईसीयू बेड के लिए संविदा पर कार्यरत डॉ. अजय निगम अवकाश पर है। डॉ. दिव्यांश लाड उज्जैन में रहना नहीं चाहते हैं, इसलिए वे लंबे मेडिकल लीव पर है। डॉ. स्वाति सोनी अध्ययन अवकाश पर है। डॉ. मधुसूदन राजावत का बडऩगर तबादला हो गया है। ऐसे में दोनों अस्पतालों के आईसीयू केवल डॉ. एचपी सोनानिया के भरोसे हैं।
निजी अस्पतालों का सहारा
जिला अस्पताल और माधवनगर अस्पताल में आईसीयू ४१ बेड होने के बाद भी गंभीर मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। मरीजों को उपचार के लिए निजी अस्पताल जाना पड़ता है।
इनका कहना
आईसीयू में डॉक्टर की पदस्थाना के लिए प्रयास किए जा रहे है। जल्द ही इसकी व्यवस्था कर दी जाएगी।
डॉ. दीपक पिप्पल
सीएमएचओ उज्जैन।