Sunday, December 3, 2023
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महाकालेश्वर शिवलिंग संरक्षण के लिए गाइड लाइन पालन के आदेश…

महाकालेश्वर शिवलिंग संरक्षण के लिए गाइड लाइन पालन के आदेश…

नियम पालन नहीं तो पुजारी, पुरोहितों की जिम्मेदारी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन । महाकालेश्वर शिवलिंग संरक्षण के लिए पूर्व में सुप्रीम कोर्ट,जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंध समिति द्वारा जारी गाइड लाइन पालन का पालन करने के फिर से आदेश जारी किए गए है। इस आदेश में सबसे प्रमुख बात यह कि मंदिर के पुजारी,पुरोहितों को भी नियम पालन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। आदेश का पालन नहीं करने वाले पुजारी, पुरोहितों के प्रति अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा ज्योतिर्लिंग क्षरण को रोकने के लिए पहले से ही व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। मंदिर समिति समय-समय पर निर्देश जारी करती रही। इस बार जिम्मेदारी तय करते हुए सख्त आदेश दिए गए हैं।
गाइड लाइन के तहत ही आदेश जारी किए है। मंदिर प्रबंध समिति का उद्देश्य है कि नियम-निर्देश के पालन में सभी की जिम्मेदारी और भूमिका तय हो। निर्देशों का अक्षरश: पालन करना होगा। औचक निरीक्षण सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाएगा। निर्देशों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित पर कार्रवाई होगी।
संदीप सोनी, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति।

पुजारी और पुरोहित के लिए प्रवेश द्वार तय

समिति ने गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहने के दौरान भीतर जाने के लिए स्पष्ट दिशा निर्देश जारी किए हैं। गर्भगृह में प्रवेश बंद रहने पर पुजारी, पुरोहित व उनके प्रतिनिधि तथा कर्मचारी चांदी अथवा जल द्वार से गर्भगृह में जाएंगे। उक्त सभी के नंदी हॉल से सीधे गर्भगृह में जाने पर प्रतिबंध रहेगा। क्योंकि नंदी हाल से सीधे गर्भगृह में जाने से दर्शन बाधित होते हैं। गणेश मंडपम् में खड़े भक्त ठीक से दर्शन नहीं कर पाते हैं।

इन निर्देशों का मानना है

  • भगवान महाकालेश्वर शिवलिंग को धातु के पात्र से स्पर्श किए बगैर जल अर्पण किया जाएगा। निर्धारित जलपात्र ही मंदिर के गर्भगृह में ले जाए जा सकते है।
  • भगवान महाकालेश्वर की पारम्परिक तौर से होने वाले पूजन को छोड़कर शिवलिंग को हाथ से रगडऩा या घिसना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जाता है।
  • महाकालेश्वर मंदिर में कर्तव्यरत पुजारी, जनैउपाती, खंूटपाती, पुरोहित एवं उनके प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी होगी कि किसी भी श्रद्धालु द्वारा शिवलिंग को रगड़ा अथवा घिसा नहीं जाए। अन्यथा संबंधित पुजारी,पुरोहित और उनके प्रतिनिधि के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
  • पूजा-अर्चना में कंकू, अबीर, गुलाल शुद्ध व केमिकल रहित हर्बल सामग्री का उपयोग किया जाए।
  • महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह क्षेत्र को स्वच्छ एवं सूखा रखा जाए।
  • पॉलीथिन के उपयोग पर भी पूर्णत प्रतिबंधित होगा।
  • भगवान महाकालेश्वर के शृंगार में तीन किलो से अधिक भांग का उपयोग नहीं होगा।
  • भस्मआरती में भस्मी अर्पण के दौरान ज्योतिर्लिंग को शुद्ध सूती वस्त्र से पूरा ढंका जाए।
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