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ड्रोन-सैटेलाइट से अवैध निर्माण पर रखी जाएगी नजर

अवैध निर्माण रोकने के लिए सरकार सख्त, आधुनिक तकनीक अपनाएगी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रदेश सरकार ने अवैध निर्माण पर नजर रखने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लेने का फैसला कर लिया है। नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय की प्रदेश के हर बड़े शहर और निकायों में हो रहे निर्माण पर निगाह होगी। अवैध निर्माण कहां हो रहा है इसका अलर्ट भी मिलेगा।

 

नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय ने राजधानी में जीआईएस लैब की स्थापना की जा रही है। लैब बनने के बाद ड्रोन और सैटेलाइट की मदद से शहरी क्षेत्रों पर नजर रखी जा सकेगी। शहर में कहीं भी अवैध निर्माण होता है या बिल्डिंग परमिशन के अलावा अतिरिक्त निर्माण होता है तो संबंधित नगर निगम या नगर पालिका को अलर्ट मिलेगा।

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इसके बाद आयुक्त या सीएमओ संबंधित जगह पर अपनी टीम भेजकर जांच कर सकेंगे। नालों या सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ तो भी अलर्ट मिलेगा। नगरीय विकास एवं आवास संचालनालय के असिस्टेंट डायरेक्टर (आईटी)देवेंद्र व्यास के मुताबिक लैब में मप्र के शहरी क्षेत्रों का पूरा ऑनलाइन डेटाबेस उपलब्ध होगा। सैटेलाइट-ड्रोन इमेज से लगातार अपडेट मिलेंगे।

यह लाभ भी होगा

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 महीनों में होने वाला सर्वे मिनटों में होगा।

खरीदार संपत्ति का ब्योरा ऑनलाइन दे सकेंगे।

लैब बनने के बाद सभी शहरी क्षेत्रों का पूरा नक्शा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। सीवर लाइन, सडक़, सरकारी जमीन, निजी जमीन आदि की जानकारी ऑनलाइन होगी।

संपत्ति स्वामी अपने बकाया टैक्स, बिल्डिंग परमिशन आदि की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे। संपत्ति खरीदने से पहले भी इनकी जानकारी ली जा सकेगी।

अभी कोई एजेंसी सर्वे करती है तो महीनों लगते हैं। अब एक क्लिक पर डेटा उपलब्ध होगा। पीएम गति शक्ति से डेटा अन्य सरकारी एजेंसियों से साझा करना आसान होगा।

प्रदेश की नगरीय निकायों को वैध-अवैध निर्माण के अलावा अतिक्रमण के भी अलर्ट मिलेंगे।

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