शहर के सबसे अधिक यातायात दबाव वाले स्थानों पर बन गए अवैध वाहन स्टैंड

By AV NEWS 6

प्रीपेड बूथ, पुलिस चौकी के सामने हो रहा अवैध संचालन

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:किसी भी शहर में वाहन पार्किंग और स्टैंड के स्थान का चयन और संचालन के लिये ठेका देने का काम नगर निगम और यातायात पुलिस के समन्वय से होता है। उद्देश्य यह कि यातायात प्रभावित न हो और पैदल व दो पहिया वाहन चालकों का आवागमन सुगमता से हो सके, लेकिन शहर में हालात इससे ठीक उलट हैं। नगर निगम द्वारा पार्किंग ठेके देने और वाहन स्टैंड निर्धारित करने के बाद लोगों ने अपनी मनमर्जी से स्थान का चयन कर वाहन स्टैंड संचालित किये जा रहे हैं। खास बात यह कि उक्त स्टैंड यातायात पुलिस और निगम अफसरों के सामने संचालित हो रहे हैं। परिणाम यह कि जाम लगने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

महाकालेश्वर मंदिर के सामने ऑटो स्टैंड

महाकालेश्वर मंदिर के ठीक सामने यातायात पुलिस का प्रीपेड बूथ है। यहां पर सुलभ काम्पलेक्स के पास मेन रोड़ पर आटो स्टेण्ड बनाया गया था। एक समय में आटो खड़े करने की संख्या निर्धारित थी। इसके अलावा अन्य वाहन खड़े करना प्रतिबंधित था। करीब 20 वर्ष पूर्व उक्त स्टेण्ड को बनाया गया था। तब यहां के हालात कुछ ओर थे। वर्तमान में प्रीपेड बूथ के सामने से महाकालेश्वर मंदिर की ओर आवागमन का यह मुख्य मार्ग बन चुका है।

महाकाल लोक बनने के बाद यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। आसपास होटल, लॉज आदि निर्माण के साथ ही अनेक दुकानें भी लग चुकी हैं। ऐसी स्थिति में उक्त आटो स्टेण्ड का इस स्थान पर संचालन औचित्यहीन है क्योंकि मराठा धर्मशाला, चौबीस खंबा के पीछे वाली गली से उक्त आटो स्टेण्ड तक आना जाना करते हैं। इनके साथ ई रिक्शा और मैजिक वाहनों के साथ अनेक यात्री अपनी निजी कार व अन्य वाहन लेकर यहां तक पहुंचते हैं जिसका परिणाम यह होता है कि उक्त गलियों से दो पहिया वाहन तो दूर लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

कुछ वाहनों चालकों द्वारा गलत स्थान पर वाहन खड़े कर सवारियों को बैठाया जाता है। पुलिस द्वारा उन्हें हटाने की कार्रवाई की जाती है लेकिन वाहन चालक मनमानी करते हुए अपने वाहन उसी स्थान पर खड़े कर लेते हैं। अब पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई की जाएगी।-दिलीप सिंह परिहार, डीएसपी टै्रफिक

हरिफाटक ब्रिज के ऊपर आती आवाजें चलो इंदौर…इंदौर…

देश के किसी भी ब्रिज पर कोई वाहन स्टैण्ड किसी ने नहीं देखा होगा लेकिन उज्जैन ऐसा अनूठा शहर है जिसके ब्रिज पर चार पहिया वाहनों का स्टैण्ड संचालित हो रहा है। वह भी यातायात पुलिस की चौकी के ठीक सामने। सुबह 6 बजे से कार सहित अनेक चार पहिया टैक्सी वाहनों के संचालक ब्रिज पर इंदौर बायपास की तरफ जाने वाले टर्न पर अपने वाहन खड़े कर सवारी का इंतजार करते हैं।

सेटिंग इतनी अधिक कि मंदिरों से दर्शन कर लौटने वाले श्रद्धालुओं को इंदौर या औंकारेश्वर जाने के लिये कम रेट व समय में वाहन उपलब्ध कराने का झांसा देकर कुछ मैजिक व ई रिक्शा संचालक ब्रिज पर सवारी लेकर आते हैं और पहले से खड़े वाहनों तक छोड़ देते हैं। सुबह से यहां पर इंदौर…इंदौर…इंदौर… की आवाजें सुनी जा सकती हैं। इसी ब्रिज के चौराहे पर यातायात पुलिस की चौकी स्थित है। यहां पर भी सुबह 8 बजे से यातायात पुलिस के जवानों की ड्यूटी लगती है, लेकिन पुलिस जवानों को यहां संचालित हो रहा अवैध वाहन स्टैण्ड नजर नहीं आता। परिणाम यह कि हरिफाटक से इंदौर बायपास की तरफ टर्न लेने वाले वाहन चालकों को दुर्घटना का अंदेशा ना रहता है साथ ही जाम की स्थिति भी बनी रहती है।

ब्रिज के नीचे बस वालों ने बनाया वाहन स्टैंड

हरिफाटक ब्रिज से इंदौर रोड़ बायपास की तरफ उतरते ही रानी लक्ष्मीबाई प्रतिमा की रोटरी करते बसों की लाइन नजर आएगी। यहां नगर निगम या यातायात पुलिस ने किसी भी वाहन के लिये स्टैण्ड का निर्धारण नहीं किया है। बस संचालक और उनके एजेंट अपनी मर्जी से यहां बसों को रोकते हैं और इंदौर व औंकारेश्वर जाने के लिये यात्रियों की प्रतिक्षा करते हैं। यह बसें देवासगेट, रेलवे स्टेशन, इंदौरगेट, हरिफाटक ब्रिज से सवारी लेते हुए उक्त स्थान तक पहुंचती हैं।

खास बात यह कि प्रशासन द्वारा देवासगेट बस स्टेण्ड से इंदौर, देवास के लिये बसों का संचालन प्रतिबंधित किया गया है, बावजूद इसके सभी बसें इसी बस स्टैण्ड से संचालित होकर उक्त रास्तों से होते हुए नानाखेड़ा पहुंचती हैं। इस अवैध वाहन स्टैण्ड के ठीक सामने भी यातायात पुलिस की चौकी है जहां पर एसआई और एएसआई के साथ पुलिस जवान ड्यूटी करते हैं। उनके सामने ही यह अवैध स्टैण्ड संचालित होता है लेकिन पुलिस जवान बीच रास्ते में खड़ी बसों को न तो हटवाते हैं और न ही उन्हें यहां से गुजरने वाले दूसरे वाहन चालकों की कोई परवाह होती है जिस कारण रोटरी के टर्न पर दिन भर जाम लगता है।

हरसिद्धि की पाल पर संचालित अवैध स्टैण्ड

नगर निगम द्वारा हरसिद्धि की पाल के ठीक पास परिसर में वाहन पार्किंग बनाया गया है। हालांकि छोटे स्थान पर संचालित उक्त पार्किंग श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ते ही छोटा पड़ जाता है और लोगों को अपने वाहन कार्तिक मेला ग्राउण्ड में खड़े करना होते हैं। यहीं पर कतिपय लोगों द्वारा हरसिद्धि की पाल घाटी पर अवैध तरीके से वाहनों को खड़ा कराया जा रहा है। कई लोग प्रायवेट वाहन चालकों से उनके वाहन यहां खड़े कराने के बदले प्रति घंटे के मान से रुपये भी वसूलते हैं।

इनके अलावा यहां पर नगर निगम या ट्राफिक पुलिस द्वारा किसी भी वाहन के लिये स्टैण्ड नहीं बनाया गया है बावजूद इसके इसी घाटी से आटो, मैजिक व ई-रिक्शा संचालक अपने वाहनों में सवारियों को बैठाते और छोड़ते हैं। खास बात यह कि घाटी के ठीक ऊपर यातायात पुलिस का जवान 16 घंटे की ड्यूटी करते हैं।

यह ट्राफिक जवान अवैध स्टैण्ड संचालकों के साथ चाय नाश्ता करते तो देखे जाते हैं लेकिन उनके द्वारा खड़े कराये गये वाहनों को हटवाने का काम नहीं करते। परिणाम यह कि रामघाट, कहारवाड़ी, हरसिद्धि मंदिर और चौबीस खंबा की ओर से आने वाले दो पहिया वाहन चालक और पैदल यात्री जाम की वजह से परेशान होते हैं।

Share This Article