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भगवान महाकाल की नगरी में भैरव अष्टमी की धूम, रात में महाआरती की

प्रमुख मंदिरों में सुबह से श्रद्धालुओं की लगी कतार पूजन-अभिषेक का दौर शुरू, कल निकलेगी सवारी

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी में उनके सेनापति बाबा भैरवनाथ का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। विभिन्न भैरव मंदिरों में धार्मिक आयोजन चल रहे हैं। कालभैरव, विक्रांत भैरव, आताल-पाताल भैरव, कुचेरा भैरव, बटुक भैरव मंदिर सहित अन्य भैरव मंदिरों में पूजन- अभिषेक के साथ दर्शन और 56 भोग का दौर चल रहा है।

बाबा भैरव को भगवान शिव का ही एक स्वरूप माना गया है। भैरव के प्रकट उत्सव के दौरान चार प्रहर की साधना का विशेष उल्लेख है। बुधवार को ब्रह्म योग में भैरव अष्टमी शुरू हुई जिसे भैरव साधना के लिए अत्यंत उपयुक्त माना जाता है।

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बाबा को रात में धारण करवाएंगे आभूषण

श्री कालभैरव मंदिर के पुजारी ओमप्रकाश चतुर्वेदी ने बताया कि अष्टमी पर सुबह भगवान का पूजन-अभिषेक कर विशेष शृंगार किया गया। बुधवार की रात में शासकीय खजाने से आभूषण लाकर बाबा कालभैरव को धारण करवाए जाएंगे और जन्मोत्सव की महाआरती होगी। इसके बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा। अगले दिन गुरुवार को शासकीय पूजन के बाद भगवान को नई पगड़ी धारण कराई जाएगी और शाम चार बजे भगवान की सवारी निकलेगी। मंदिर में बुधवार सुबह पट खुलने के पहले ही काफी संख्या में लोग मंदिर पहुंच गए थे। पूजन-अभिषेक के बाद पट खुले और दर्शनों का सिलसिला शुरू हुआ।

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विक्रांत भैरव मंदिर पर रात में हवन

ओखलेश्वर श्मशान में स्थित श्री विक्रांत भैरव मंदिर पर सुबह पूजन-अभिषेक हुआ। बाबा का आकर्षक शृंगार किया गया। सुबह 9 बजे आरती हुई। इसके बाद रुद्राभिषेक और सुदंरकांड पाठ हुआ। सुबह से ही यहां दर्शन के लिए लोग पहुंच रहे थे और तमाम तरह की सामग्री भैरवनाथ को अर्पित कर रहे थे। चंद्रमोहन डबराल ने बताया शाम सात बजे रामायण पाठ होगा। रात 9 बजे भैरवजी के भजन के बाद रात 10 बजे से हवन अनुष्ठान प्रारंभ होगा। रात 11 बजे महाआरती की जाएगी। गुरुवार सुबह आरती-अभिषेक के साथ उत्सव का समापन होगा।

आताल-पाताल भैरव मंदिर में रात 12 बजे जन्म आरती

सिहंपुरी स्थित श्री आताल पाताल भैरव मंदिर के पं. आदर्श जोशी व पं. रूपम जोशी ने जानकारी दी कि बुधवार को सुबह अभिषेक कर आकर्षक श्रृंगार किया गया। मध्य रात्रि 12 बजे जन्मोत्सव महाआरती होगी। सुबह से ही लोगों के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। गुरुवार को शाम छह बजे राजसी वैभव के साथ भगवान आताल-पाताल भैरव की सवारी निकाली जाएगी। तीन दिवसीय महोत्सव का समापन गुरुवार को शाम 7 बजे कन्या व बटुक भोज के साथ होगा।

कुचैरा भैरव को लगाया छप्पन भोग

पिपलीनाका चौराहा स्थित कुचैरा भैरव मंदिर पर सुबह 7 बजे अभिषेक पूजन और चोला के साथ आकर्षक श्रृंगार किया गया। इसके बाद 56 पकवानों का भोग लगा। दिनभर पूजन-अर्चन का दौर चला। शासकीय पुजारी श्रीमती दुर्गा गेहलोत के अनुसार संध्या 5-6 बजे हनुमान चालीसा व भैरवाष्टक का पाठ 51 बालकों द्वारा किया जायेगा। शाम 7.30 बजे महाआरती होगी और उसके बाद प्रसाद वितरण होगा।

भगवान बटुक भैरव का फलों के रस से अभिषेक

चक्रतीर्थ में विराजित श्री बटुक भैरव नाथ का बुधवार सुबह विशेष पूजन हुआ। सुबह 8 बजे भगवान बटुक भैरव का सुगंधित द्रव्य एवं फलों के रसों से अभिषेक किया गया। इसके बाद चोला चढ़ाकर स्वर्ण श्रृंगार किया गया। यहां भी भक्तों का दिनभर दर्शन पूजन के लिए तांता लगा रहा। मंदिर के प्रमुख गुरुदेव वरुण तिवारी ने बताया शाम 6 बजे बाबा को 56 भोग लगाया जायेगा। इसके बाद महाआरती और भंडारा-प्रसादी होगी।

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