चार माह में तेल 20 से 70 रुपए प्रति लीटर महंगा,
मिर्च के भाव 80 रुपए बढ़े
उज्जैन।अप्रैल में 7.79 प्रतिशत महंगाई दर ने आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ दिया है। आटा-दाल के साथ अब मसालों पर भी महंगाई का असर दिखाई दे रहा है।
सर्फ-साबुन के साथ-साथ सांची के उत्पाद भी महंगे हो गए हैं। खाद्य तेलों के दाम भी 20 से 70 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं।
किराना व्यापारियों के मुताबिक जनवरी में 30 रुपए किलो मिलने वाला आटा 36 रुपए किलो पहुंच गया है। सनफ्लॉवर तेल 140 रुपए लीटर से बढ़कर 210 रुपए लीटर मिल रहा है। कपड़े धोने का सामान्य सर्फ 42 रुपए किलो से बढ़कर 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है।
छिपी हुई महंगाई
खान-पान की सामग्री के दामों में लगातार वृद्धि के बीच छिपी हुई महंगाई का असर नजर आ रहा है। आर्थिक जानकारों के अनुसार महंगाई के कारण कस्टमर प्रोडेक्ट खरीदना बंद या कम नहीं कर दें,इस डर से कंपनियां कीमतें बढ़ाने के बजाए प्रोडेक्ट की क्वांटिटी कम कर देती है।
एक नामी पेस्ट कंपनी ने 10 रु. वाले अपने पेस्ट के दाम नहीं बढ़ाए और वजन 7 ग्राम घटाकर 18 ग्राम कर दिया। पहले यह पैकेट 25 ग्राम का था।
कुछ बड़ी कंपनियों ने हैंड वॉश की पैकिंग 1000 एमएल के बजाय 900 एमएल कर दी है। 100 रु. वाले चॉकलेट का वजन का पैकेट 50 ग्राम कम कर 100 ग्राम का कर दिया है। केयर ऑइल में 25 एमएल की कटौती कर दी है। फरवरी में 5 रु.वाले पारले जी के पैकेट 13 बिस्किट आते थे,अब 11 बिस्किट मिल रहे है।
16 का साबुन अब 25 में
कॉस्मेटिक विक्रेताओं के अनुसार सर्फ, साबुन, हैंडवॉश, टूथपेस्ट आदि की कीमतों में 30 से 35 प्रतिशत का इजाफा जनवरी से मई के बीच हुआ है। साधारण साबुन के पांच पीस का पैक जो पहले 80 रुपए में आ रहा था, वह अब 125 रुपए में मिल रहा है।
42 रुपए किलो मिलने वाला सामान्य सर्फ 60 रुपए किलो पहुंच गया है। 500 ग्राम का जो टूथपेस्ट पहले 180 रुपए का था, उसकी नई कीमत 200 रुपए आई है। 250 रुपए प्रति पांच नग के महंगे साबुन अब 375 प्रति पैकेट मिल रहे हैं।
टैक्स में राहत से ही महंगाई नियंत्रित होगी
जानकारों कर कहना है कि महंगाई काबू करने के लिए सरकार को कुछ समय के लिए टैक्स में राहत देने की जरूरत है। वैश्विक स्थितियों को देखते हुए इस वर्ष के अंत तक आम जनता को महंगाई से राहत मिलना मुश्किल है। किराना, तेल, मसाले, गेहूं, आटा, दालें, कॉस्मेटिक्स के साथ ही कपड़े, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें कुछ महीनों में 20 से 35 फीसदी तक बढ़ी हैं।