इंटरलॉकिंग पूरी, ट्रेन शुरू, रौनक लौटी…

उज्जैन रेलवे स्टेशन पर अब हाई-टेक ऑपरेटिंग सिस्टम से होगा कामकाज
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उज्जैन। उज्जैन स्टेशन पर बुधवार से यातायात पहले की तरह बहाल हो गया है। यार्ड रिमॉडलिंग काम के चलते 11 अक्टूबर को रेलवे ने कई टे्रन निरस्त कर दी थीं और कुछ को डायवर्ट कर दिया था। इंटरलॉकिंग काम के लिए रेलवे ने 15 अक्टूबर की डेडलाइन तय की थी, लेकिन इससे एक दिन पहले ही काम पूरा कर लिया।
पश्चिम रेलवे के जीएम विवेक गुप्ता ने 16 जुलाई को उज्जैन प्रवास के दौरान इंटरलॉकिंग काम की जानकारी दी थी। तब उन्होंने दो महीने के भीतर यह काम पूरा करने का दावा किया था। हालांकि ढाई महीने बाद यह काम पूरा हो गया है। इसके पूरा होने से प्लेटफॉर्म नं. 7 और 8का पूरा उपयोग हो सकेगा। अब तक 7 नंबर प्लेटफॉर्म भोपाल एंड से कनेक्ट नहीं था, जबकि प्लेटफॉर्म नं. 8 नागदा एंड से नहीं जुड़ा था। इस वजह से इन प्लेटफॉर्म पर ट्रेन एक तरफ से ही आ-जा सकती थीं। अब दोनों तरफ से ट्रेन आ-जा सकेंगी। इससे इंदौर की तरफ से आने वाली ट्रेन को दोनों ही प्लेटफॉर्म पर लिया और रवाना किया जा सकेगा।
उज्जैन-इंदौर लाइन पर 130 की स्पीड से दौड़ा इंजन: उज्जैन-इंदौर लाइन पर उज्जैन से विक्रमनगर के बीच दोहरी लाइन का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। इस पर इंजन 130 की स्पीड से दौड़ा है। अब इस रूट से इंदौर जाने का समय कम हो सकेगा।
स्टेशन पर बढ़ी तकनीकी सुविधाएं
नई लूप लाइन 9 और 10 जोड़ी गई हैं, जिससे प्लेटफार्म 7 व 8 की कनेक्टिविटी अन्य प्लेटफॉर्म से हो गई।
उज्जैन स्टेशन और सी यार्ड का संचालन अब एक ही कंट्रोल रूम से होगा।
124 नए सिग्नल, 84 प्वाइंट मशीनें, 124 डीसी ट्रैक सर्किट और फायर अलार्म सिस्टम लगाए, जो हर आने-जाने वाली ट्रेन पर नजर रखेंगे।
नई तकनीक से यात्रियों को यह सुविधा
प्लेटफॉर्म नंबर 2-3, 6-7 और 8 पर २८ कोच लंबी ट्रेन भी ठहर सकेंगी।
नागदा की ओर से स्टेशन पर एक साथ दो ट्रेनें आ-जा सकती हैं। आउटर पर ट्रेन नहीं रुकेगी।
सीआरएस ओके होने के बाद विक्रमनगर की ओर से भी एक साथ दो ट्रेन आ-जा सकेंगी।
सिंहस्थ में अधिक ट्रेन उज्जैन स्टेशन से संचालित की जा सकेंगी।










