जानें 5 सबसे आसान योगासन जो देंगे अनेक स्वास्थय लाभ
योग भारत से शुरू होने वाली एक प्राचीन प्रथा है। योग शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करता है। हालांकि योग जीवन की समस्याओं के तत्काल समाधान की गारंटी नहीं दे सकता है, परन्तु उन्हें मैनेज करने की मानसिक और शारीरिक शक्ति जरूर दे सकता है। योग हमें फिजिकल पोज़, ध्यान और कंट्रोल को शामिल करके संमस्याओं को नेविगेट करने लायक बनाता है।
योग क्या कर सकता है?
तनाव में कमी: आज के तनाव भरे जीवन में जिसने भी योग को अपनाया है उसे मन की शांति प्राप्त हुई है।
भावनात्मक संतुलन: कहते हैं कि जो इंसान अपनी भावनाओं को नियंत्रण कर सकता है वो जीवन में कभी दुखी नहीं हो सकता। योग इसी नियंत्रण को हासिल करने में मदद करता है।
विचारों की स्पष्टता: स्वस्थ शरीर का सीधा प्रभाव विचारों पर पड़ता है। ध्यान लगा कर हम अपने विचारों में पाजिटिविटी ला सकते हैं।
आत्मविश्वास: अच्छे विचार और भावनात्मक संतुलन हमारे आत्मविश्वास को मज़बूत बनाता है।
मन-शरीर संबंध: हमारा मन और शरीर का आपस में गहरा सम्बन्ध है। मन की भावनाओं को समझते हुए शरीर समस्याओं का समाधान करने में सक्षम होता है। योग से ध्यान और एकाग्रता बढ़ती है जिससे मन शांत रहकर सकारात्मक भावनाओं को शारीरिक गतिविधयों द्वारा बताता है।
इन 5 योगासान से करें दिन की शुरुआत
पद्मासन: कुछ मिनटों के लिए एक खाली कमरे में कर सकते हैं। ये आसन आपके कूल्हे, टखने से लेकर आपके मस्तिष्क की नसों को खोलने में मदद करता है। इसे ऐसे करें
- योग मैट पर पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- अपनी कमर और गर्दन को सीधा रखें।
- अब दाएं पैर को मोड़ कर उसकी एड़ी को बाईं जांघ पर रखें।
- इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं।
- हाथ को जांघ पर ऱखें और शांत मन से ध्यान करें।
ताड़ासन: सिर से पैर तक खिंचाव देने के कारण ये आसन नसों और शरीर से जुड़ी विभिन्न बीमारियों में भी हमें फायदा पहुंचाता है। पहली बार ताड़ासन करने पर हो सकता है कि ये आसन आपको कठिन मालूम हो। इसे करने का तरीका
- पैर और कमर को सीधा करके योग मैट पर खड़ी हो जाएं।
- इस दौरान एड़ियों को एक-दूसरे से मिला कर रखें।
- अपनी दोनों हथेलियों को आपस में फंसाकर ऊपर उठाएं।
- हथेलियों की दिशा आकाश की तरफ होनी चाहिए।
- और आपका चेहरा सामने की तरफ होना चाहिए।
पश्चिमोत्तानासन: यह आसन युवाओं में रीढ़ की हड्डी को खींचकर लम्बाई बढ़ाने के लिए बहुत उपयोगी है।
- इस आसन को करने के लिए आपको जमीन पर बैठ जाना है।
- अपने सामने दोनों पैरों को सीधे फैलाएं।
- अब सिर को आगे की तरफ मोड़ते हुए घुटनों से मिलाएं।
- दोनों हाथों को पैरों के तलवे से मिलाना है।
- इस दौरान आपको पैरों के निचले हिस्से में स्ट्रेच महसूस होना चाहिए।
- इसी मुद्रा में 10 सेकेंड के लिए रहें और इसे 3 बार दोहराएं।
भ्रामरी प्राणायाम: भ्रामरी प्राणायाम एक श्वास व्यायाम है जिसमें आप साँस छोड़ते समय मधुमक्खी जैसी भनभनाहट की आवाज निकालते हैं। ये क्रोध, हताशा और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा दिलाता है। इसे ऐसे करें:
- एक शांत जगह की तलाश करें और बैठने के लिए एक आरामदायक चटाई या कंबल बिछाएं।
- भ्रामरी प्राणायाम करते समय क्रॉस लेग पोजीशन में बैठें लेकिन अगर आपको यह पोजीशन कठिन लगती है तो आप इसे कुर्सी पर बैठकर भी कर सकते हैं।
- अपनी आंखें बंद कर लें।
- अपने कानों को बंद करने के लिए अपनी तर्जनी का प्रयोग करें और अपनी नाक से सांस लें।
- गहरी सांस लें और सांस छोड़ते हुए मधुमक्खी की भिनभिनाहट की आवाज करें। इसके लिए 5 चक्र पूरे करें।
शवासन: इस आसन को रात में अपने बिस्तर पर रिलैक्स होने के लिए कर सकती हैं। ये शरीर की प्रत्येक मांसपेशी को आराम देता है। शवासन अनिद्रा, तनाव और एकग्रता के स्तर में सुधार लाता है। इसे करने का तरीका
- योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
- ये सुनिश्चित करें कि आसन करने के दौरान कोई भी आपको डिस्टर्ब न करे।
- अपनी आंखें बंद कर लें।
- दोनों टांगों को अलग-अलग कर लें।
- इस बात का ध्यान रखें कि आप पूरी तरह से रिलैक्स हों।
- जब आपका शरीर पूरी तरह से रिलैक्स हो जाए तो आराम से उठ जाएं।
नियमित योग से हमारा शरीर लचीला बन जाता है जिससे हम मुश्किल काम भी आसानी से कर सकते हैं। इससे बढ़ती उम्र में भी हम फिजिकल एक्टिविटी में भाग ले सकते हैं।