ISRO: हाइपरसोनिक वाहन का सफल परीक्षण

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और मुख्यालय एकीकृत रक्षा स्टाफ ने शुक्रवार को संयुक्त रूप से हाइपरसोनिक वाहन का परीक्षण किया। इसरो ने एक बयान में कहा, “परीक्षणों ने सभी आवश्यक मानकों को हासिल किया और हाइपरसोनिक वाहन क्षमता का प्रदर्शन किया।”
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हाइपरसोनिक वाहन एक ऐसा वाहन है जो ध्वनि की गति से कम से कम पांच गुना तेज या मैक 5 से अधिक गति से यात्रा करता है। हाइपरसोनिक वाहन एक हवाई जहाज, मिसाइल या अंतरिक्ष यान हो सकता है।
हाइपरसोनिक तकनीक को नवीनतम अत्याधुनिक तकनीक माना जाता है। चीन, भारत, रूस और अमेरिका सहित कई देश हाइपरसोनिक हथियारों को और आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं।
भारत पिछले कुछ वर्षों से हाइपरसोनिक तकनीक पर काम कर रहा है। अमेरिकी कांग्रेस में पेश एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत रूस के साथ मिलकर हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने में लगा हुआ है।
इस साल रूस ने कथित तौर पर यूक्रेन युद्ध में अपनी हाइपरसोनिक मिसाइल किंजल का इस्तेमाल किया था।भारत अपने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के हिस्से के रूप में एक स्वदेशी, दोहरी-सक्षम हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल भी विकसित कर रहा है। यह मिसाइल पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ परमाणु हथियारों को भी दागने में सक्षम होगी।
भारत इससे पहले 2019 और सितंबर 2020 में इस तरह की तकनीक का परीक्षण कर चुका है। इस परीक्षण के दौरान स्क्रैमजेट इंजन से लैस हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल (HSTDV) की गति 7500 किमी प्रति घंटा मापी गई थी।